लखनऊ। एक कहावत है कि “वक्त की हर शै होती है गुलाम और वक्त ही लगवा देता है अच्छे अच्छों का काम।“ जो फिलहाल प्रदेश की पूर्व सरकार के कद्दावर मंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान पर बखूबी लागू होती है क्योंकि उन्होंने वक्त की नजाकत को नही समझा और उसकी ही बानगी है कि अब उनकी मुसीबतें कम होने के बजाय बढ़ती ही जा रही हैं।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने सीआरपीएफ के जवानों के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री आज़म खान के खिलाफ मुकद्दमा चलाने की इजाजत दे दी है। रामपुर की अपर पुलिस अधीक्षक सुधा सिंह ने बताया कि अब उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए (विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाना) के तहत आरोप पत्र दाखिल किया जाएगा।
ज्ञात हो कि आज़म खान के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में इंकम टेक्स डिपार्टमेंट ने जांच शुरू कर दी है। दरअसल कांग्रेस नेता फैसल लाला ने 2016 में महामहिम राज्यपाल को एक शिकायती पत्र भेज कर शिकायत की थी कि आज़म खान ने जौहर यूनिवर्सिटी के पास बनी जिला सहकारी बैंक की शाखा से नोट बंदी के समय करंसी एक्सचेंज कर अपना काला धन सफेद किया था।