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केरल में अभी है चुनौतियां का अम्बार, कैसे भी पाना ही होगा इनसे पार

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नई दिल्ली। भले ही दक्षिण भारत के राज्य केरल में आपदा के बाद हालात कुछ-कुछ सम्हलने लगे हैं लेकिन हकीकत में अभी वहां कई चुनौतियां ऐसी हैं जिनसे पार पाने में तमाम मुश्किलें आना स्वाभाविक हैं। जैसे कि इस आपदा में बेघर हुए लोगों का पुनर्वास और जलजनित बीमारियों को रोकने का काम एक बड़ी चुनौती बना हुआ है। इस बात को वहां मौजूद तमाम आला अफसरानों ने भी बखूबी माना है।

गौरतलब है कि तमाम अफसरों के अनुसार राज्य में आठ अगस्त के बाद से मानसून के दूसरे चरण में भारी बारिश और बाढ़ के चलते 216 लोगों की जान गई है 7.24 लाख से अधिक लोग बेघर हुए हैं जिन्हें 5,645 राहत शिविरों में ठहराया गया है। जिनके सामने अभी तमाम चुनौतियें और मुसीबतें मुंह बाये खड़ी हैं। उनको उनसे न सिर्फ दो चार होना होगा बल्कि पार भी होना होगा।

सेना की दक्षिणी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल डीआर सोनी ने तिरुवनंतपुरम में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राहत अभियान अब भी जारी है और जिन क्षेत्रों तक आसान पहुंच नहीं है, वहां फंसे लोगों तक सहायता पहुंचाने के लिए ड्रोन विमानों का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘ध्यान पूर्ण पुनर्वास पर है।’’

इतना ही नही सोनी ने कहा कि राहत अभियानों में 1,500 सैन्यकर्मी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि छतों पर और संपर्क से बुरी तरह कटे इलाकों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए रक्षाबलों के हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया जा रहा है।  सोनी ने कहा कि सैटैलाइट फोन लिए सैन्यकर्मी फंसे लोगों की तलाश में दुर्गम इलाकों में पहुंचे हुए हैं।

वहीं जबकि विधायक वी डी सतीशन ने कहा कि बीती देर रात एर्नाकुलम जिले के परूर में छह शव और मिले। इसके साथ ही बारिश और बाढ़ से मरने वालों की संख्या 216 हो गई है। सतीशन ने कहा कि परूर और आसपास के इलाकों में फंसे सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। अब मकानों से मलबे को हटाने के प्रयास किए जा रहे हैं जिससे कि उन्हें रहने लायक बनाया जा सके।

इसके अलावा केरल जल प्राधिकरण और केरल राज्य विद्युत बोर्ड पिछले कई दिनों से पेयजल और बिजली न होने की समस्या का सामना कर रहे इलाकों में संबंधित आपूर्ति बहाल करने की कोशिश कर रहे हैं। कोच्चि स्थित नौसैन्य हवाईअड्डे से आज सुबह तब व्यावसायिक उड़ानें शुरू हो गईं जब यहां बेंगलूरू से एअर इंडिया की पहली उड़ान पहुंची। नौसैन्य हवाईअड्डे से छोटे विमानों का परिचालन किया जा रहा है।

ज्ञात हो कि कोच्चि अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा रनवे पर पहुंची बाढ़ के चलते 26 अगस्त तक के लिए बंद कर दिया गया है। देश के विभिन्न हिस्सों से राहत सामग्री बंदरगाह पर पहुंचनी शुरू हो गई है जिससे कि भीषण बाढ़ से प्रभावित लोगों को कुछ राहत मिल सके। कोचीन बंदरगाह ट्रस्ट के एक अधिकारी ने बताया कि नौसेना का पोत आई एन एस दीपक लगभग 800 टन स्वच्छ पानी और लगभग 18 टन खाद्य वस्तुएं लेकर मुंबई से पहुंचा है।

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