नई दिल्ली। पिछले काफी वक्त से देश के रक्षा सौदे रॉफेल डील पर जारी आरोप प्रत्यारोप के दौरा के बीच आज उस वक्त एक नया मोड़ आ गया जब रिलायंस समूह के प्रमुख अनिल अंबानी ने लीगल नोटिस भेज कांग्रेस प्रवक्ता को जुबान पर लगाम देने की चेतावनी दी है।
गौरतलब है कि रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी ने नोटिस जारी कर कहा कि शेरगिल वही बातें बोले जिसका उनके पास सबूत हो नहीं तो उन्हें इसका हर्जाना भुगतना पड़ सकता है। नोटिस में लिखा कि कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला, अशोक चव्हाण, संजय निरुपम, अभिषेक मनु सिंघवी और अन्य नेता गलत तथ्यों के साथ उनपर और उनके ग्रुप पर लांछन लगा रहे हैं।
इतना ही नही इसके साथ ही अंबानी ने कहा कि सभी नेताओं के पास राइट टू फ्रीडम जरूर है, लेकिन वह जिम्मेदारी के साथ ही बोलें और तथ्यों पर बोलें.। ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस पार्टी मेरे संस्थान के खिलाफ एक कैंपेन चला रही है।
हालांकि इससे पूर्व भी अंबानी ने फ्रांस के साथ राफेल लड़ाकू विमानों के सौदे पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को एक पत्र लिखकर अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब दिया है। अंबानी ने अपने पत्र में कहा था कि कुछ निहित स्वार्थी तत्वों और कॉरपोरेट प्रतिद्वंद्वियों ने कांग्रेस को गलत जानकारी देकर गुमराह करने की कोशिश की है।
साथ ही उन्होंने कहा कि गलत जानकारी को फैलाया जा रहा है जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। राफेल लड़ाकू विमान का निर्माण रिलायंस या दसॉ रिलायंस के संयुक्त उद्यम द्वारा नहीं किया जा रहा बल्कि सभी 36 विमानों का 100 फीसदी निर्माण फ्रांस में किया जाएगा। उसके बाद फ्रांस से उनका भारत को निर्यात किया जाएगा।
ज्ञात हो कि राहुल गांधी इस मुद्दे पर लगातार केंद्र की मोदी सरकार को घेर रहे हैं। कांग्रेस अध्यक्ष का आरोप है कि मौजूदा सरकार राफेल विमानों के लिए यूपीए सरकार में तय कीमत से कहीं ज्यादा कीमत चुका रही हैं। उनका कहना ह कि मोदी सरकार ने इस डील में बदलाव सिर्फ एक उद्योगपति को फायदा पहुंचाने के लिए किया है।