लखनऊ। प्रदेश सरकार ने गरीबों के लिए जारी होने वाले अनाज को पात्र तक पहुंचाने के लिए बखूबी अपनी कमर कस रखी है। जिसकी बानगी है कि सरकार ने यूपी में हुए खाद्यान्न घोटाले में कड़ी कार्रवाई करते हुए 105 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है जबकि 450 लोगों को चिन्ह्ति किया गया है।
गौरतलब है कि खाद्य एवं रसद राज्य मंत्री अतुल गर्ग का कहना है कि ये अपने तरह का पहला घोटाला है जिसे नकली आधार कार्ड और अन्य राज्यों के नागरिकों के आधार कार्ड की गलत फीडिंग कर अंजाम दिया गया था।
इसके साथ ही अतुल गर्ग ने मीडिया को बयान देते हुए कहा कि योगी सरकार ने पूर्ववर्ती सरकार से 10 लाख राशन कार्ड ज्यादा बनाए। इतना करने के बावजूद हमने करीब 100 करोड़ रुपये की बचत की। उन्होंने बताया कि जिन लोगों के अंगूठे नहीं लगे थे। उन्हें मानवता के आधार पर राशन दिया गया। जिसका लाभ दुकानदारों ने और गलत डिटेल की फीडिंग करने वालों ने उठाया।
उन्होंने बताया कि सबसे अहम और खास बात है कि प्रारंभिक तीन महीनों में ही इस घोटाले को पकड़ लिया गया। आरोपी बच नहीं पाएंगे। इस घोटाले से सरकार को हर महीने करीब 10 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा था। सरकार हर साल करीब 9 हजार करोड़ रुपये का राशन बांटती है।अतुल गर्ग का कहना है कि आरोपियों की संख्या अभी और बढ़ सकती है। मामले में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा। कड़ी कार्रवाई होगी।