नई दिल्ली। देश में जहां मोदी सरकार और खासकर मोदी को लेकर समूचा विपक्ष एकजुट होने में जुटा है और पिछले चार साल के कार्यकाल को लेकर उसे कटघरे में खड़ा करने की कोशिशों में लगा है। वहीं ऐसे में आई एक सर्वे की रिपोर्ट आज भी मोदी की लोगों में लोकप्रियता को बखूबी बरकरार बता रही है। वहीं उनकी अपेक्षा राहुल गांधी की लोकप्रयिता को बेहद ही कम दिखा रही है।
गौरतलब है कि राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर से जुड़े एडवोकेसी ग्रुप इंडियन पॉलिटिकल ऐक्शन कमिटी (ए-पैक) द्वारा कराये गए एक सर्वेक्षण में देश के लोगों की अब भी पहली पसंद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं। यह खुलासा एक ऑनलाइन सर्वेक्षण में हुआ है। जिसमें 712 जिलों के 57 लाख लोगों में से लगभग 48 प्रतिशत ने देश को आगे ले जाने के लिए अपने नेता के तौर पर पीएम मोदी में भरोसा जताया है।
दरअसल नेशनल एजेंडी फोरम के तहत कराए गए इस सर्वेक्षण में जवाब देने वाले लोगों को 923 नेताओं में से अपना एक चुनने का विकल्प दिया गया था। जिसमें पहले स्थान पर नरेंद्र मोदी, 11 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी रहे।
जबकि वहीं 9.3 प्रतिशत वोट के साथ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, 7 प्रतिशत वोट के साथ उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेख यादव, 4.2 प्रतिशत वोट के साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और 4.1 प्रतिशत वोट के साथ बसपा अध्यक्ष मायावती रहीं। इस सर्वेक्षण में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कई अन्य राष्ट्रीय और क्षेत्रीय राजनीतिक चेहरों को जगह दी गई थी।
इतना ही नही इस सर्वेक्षण में शामिल होने वाले लोगों ने महिला सशक्तिकरण, किसानों की समस्या, आर्थिक असमानता, छात्रों की समस्याओं, स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, साम्प्रदायिक एकता को प्रमुख मुद्दा बताया। अभिनेता अक्षय कुमार, रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन और पत्रकार रवीश कुमार की पहचान ऐसे मशहूर व्यक्तियों के तौर पर की गई जिन्हें राजनीति में होना चाहिए। इस सर्वेक्षण को सोमवार को जारी किया गया है।
ज्ञात हो कि यह सर्वेक्षण किशोर से जुड़ी सिटीजंस फॉर एकाउंटेबल गवर्नेंस की ओर से 2013 में कराए गए सर्वेक्षण के समान है, जिसमें मोदी को देश का सबसे पसंदीदा नेता बताया गया था। आईपैक के सदस्यों का कहना है कि इस सर्वेक्षण का उद्देश्य इंटरनेट तक पहुंच वाली आबादी तक पहुंचना था। किशोर एक समय मोदी की टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा थे और उन्होंने 2014 लोकसभा चुनाव प्रचार में अहम भूमिका निभाई थी।