नई दिल्ली!. भारत और अमेरिका के बीच गुरुवार को पहली 2+2 द्विपक्षीय वार्ता हुई. इस दौरान दोनों देशों ने रक्षा, व्यापार समेत कई अन्य मुद्दों पर बात की. गुरुवार को हुई इस मुलाकात में रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपने समकक्ष अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो, रक्षामंत्री जेम्स पैटिस से बातचीत की. भारत ने मजबूरियों को हवाला देते हुए 2+2 द्विपक्षीय वार्ता में अमेरिका को समझाया कि न रूस से ट्राइंफ मिसाइल का आयात बंद होगा और न ही ईरान से तेल का आयात. सरकार के मुताबिक 2+2 डायलाग की सबसे बड़ी उपलब्धी COMCASA Agreement है.
अमेरिकी सूचना तंत्रों के जरिए इकट्ठा होने वाली रक्षा जानकारियां और तकनीक अब हमारी होंगी और इन्हें किसी के साथ US साझा नहीं करेगा. अगले साल होने वाला तीनों सेनाओं का सम्मिलित युद्धाभ्यास इसी समझौते का हिस्सा होगा. बातचीत में S-400 Triumph missile के लिए waiver जैसी कोई बात नहीं हुई, लेकिन भारत अमेरिका को ये जताने में सफल रहा कि रूस से हुए इस रक्षा सौदे को भारत खत्म नहीं कर पाएगा.
ईरान से तेल आयात करने के सवाल पर भी भारतीय पक्ष की मजबूरियों को अमेरिका मानता हुआ दिखा. ईरान पर अमेरिकी आर्थिक प्रतिबंधों की वजह से अगर भारत ईरान से अपने व्यापारिक रिश्ते खत्म कर लेता है तो चाबाहर पोर्ट के हाथ से निकलने और अफगानिस्तान में access बंद होने का खतरा अमेरिका को बता दिया गया है. अमेरिका ने कहा वो भारतीय पक्ष को accommodate करेगा. पाकिस्तान पर भारत को थोड़े दिन धैर्य रखने और नई सरकार को मौका देने को लिए कहा गया.