लखनऊ। एक तरफ अभियान बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर हकीकत में यह तभी संभव हो सकता है जब उनको घर से लेकर बाहर तक एक सुरक्षित माहौल दे पाओ जो कि देश ही नही बल्कि उसके सबसे बड़े और अहम प्रदेश यानि उत्तर प्रदेश में ही संभव नही हो पा रहा है जबकि कुर्सी सम्हालते ही और आज भी CM योगी इसके लिए न सिर्फ प्रतिबद्ध हैं बल्कि उन्होंने एन्टी रोमियो मुहिम भी शुरू की। अफसोस प्रशासनिक अमले की ढिलाई के चलते दोनों ही अभियानों की दशा और दिशा दयनीय है। और प्रदेश में तो हद यह है कि कई जिलों में शोहदों के आतंक के चलते जब तब कोई बेटी स्कूल छोड़ने को मजबूर हो रही है। इससे भी खौफनाक पहलू तो यह है कि इधर बीते कुछ दिनों में कई बेटियों ने शोहदों के आतंक के चलते आत्महत्या तक कर ली। वहीं खास बात यह है कि कई मामलों में पुलिस का जो रवैया सामने आया वो बहुत ही गैरजिम्मेदाराना और शर्मनाक था।
गौरतलब है कि हाल ही में उत्तर प्रदेश में शाहजहांपुर जिले के बंड़ा थाना क्षेत्र के एक गांव में छेड़छाड़ से तंग आकर रविवार को आग लगाने वाली युवती की सोमवार की शाम इलाज के दौरान अस्पताल में मौत हो गई। पुलिस ने प्राथमिकी तब दर्ज की, जब परिजनों ने उसका अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया।
इस घटना से ठीक एक दिन पहले ही प्रदेश में फतेहपुर जिले के जहानाबाद कस्बे में छेड़खानी की शिकार एक नाबालिग लड़की ने चिकित्सा जांच के बाद अपने घर लौट कर फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। इस मामले में पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधीक्षक श्रीपर्णा गांगुली ने शनिवार को बताया, “जहानाबाद कस्बे के एक मुहल्ले में छेड़खानी की शिकार एक 17 साल की लड़की ने अस्पताल में चिकित्सा जांच के बाद अपने घर लौट कर शुक्रवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। छेड़खानी की घटना दो दिन पूर्व उस समय हुई थी, जब लड़की शौच के लिए घर से बाहर गई थी।” मृतका के पिता के मुताबिक “इन्हीं युवकों की छेड़खानी से क्षुब्ध होकर लड़की ने दो साल पहले अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी। लेकिन युवक उसके घर के सामने दुकान रख कर छेड़खानी करते रहे।”
शोहदों के हौसले तो देखिए कि प्रदेश के भदोही जिले की ऊंज पुलिस ने एक मनचले कार चालक को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उसकी कार भी जब्त कर ली है, जिस पर ‘यूपी सरकार’ लिखा था। आरोपी राह से गुजरती लड़कियों और महिलाओं पर छींटाकशी व छेड़खानी करता था।
इसी तरह रायबरेली निवासी दो बहनें बाराबंकी के दो शोहदों से परेशान और ख़ौफजदा होकर योगी और मोदी को पत्र तक लिख चुकी हैं बावजूद इसके अभी उनको निजात नही मिल सकी है जबकि मजबूरन वह भी अपनी पढ़ाई तक छोड़ चुकी हें। हद यह है कि उनको परेशान करने वाले शोहदे रेप के आरोपी भी हैं और बावजूद इसके उनका दुस्साहस कि वह केस वापस लेने का दबाव बनाने के लिए इन बेटियों को प्रताड़ित कर रहे हें। हद यह है कि ऐसे संवेदनशील और संगीन मामले में भी पुलिस का रवैया बेहद अफसोसनाक है। संभवतः इस मामले में भी वह बड़ी घटना हो जाने के बाद ही अपनी कुभकर्णी नींद से जागेगी।