नई दिल्ली! ऐसा लगता है कि आम आदमी पार्टी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं. मंगलवार को चुनाव आयोग ने पार्टी को विभिन्न जगहों से मिले चंदे को लेकर उसे और आयकर विभाग को दिए गए आंकड़े अलग-अलग हैं. इस बात को लेकर चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी से स्पष्टीकरण मांगा है.
ये स्पष्टीकरण वित्त वर्ष 2014-15 के आंकड़ों को लेकर पूछा गया है. नोटिस में पार्टी के आयकर विवरण और आयोग को दिए गए दस्तावेज़ों में अंतर बताया गया है. आयोग की ओर से कहा गया है कि पार्टी को चंदे में मिली रकम का हिसाब अलग-अलग है. मुख्य तौर से आम आदमी पार्टी के खिलाफ तीन आरोप लगाए गए हैं. आप नेताओं ने हवाला डीलर्स के जरिए दान ली और वेबसाइट पर दान के संबंध में गलत जानकारी दी गई. इसके साथ ही 13.16 करोड़ की दान की रकम का कोई हिसाब किताब नहीं है. इसके अलावा ये भी आरोप है कि दानदाताओं के बारे में सही जानकारी नहीं दी गई है.
आयोग ने आज आम आदमी पार्टी को चुनाव चिन्ह(आरक्षण एवं आवंटन) आदेश 1968 की धारा 16ए के तहत नोटिस जारी कर उसे 20 दिन के भीतर इसका जवाब देने को कहा है. आयोग ने अपने नोटिस में यह भी कहा है कि उपरोक्त नियमों का उल्लंघन करने के लिए क्यों न उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए.
दरअसल इनकम टैक्स विभाग ने चुनाव आयोग को जो रिपोर्ट भेजी उसमें तीन आरोप हैं. पहला आम आदमी पार्टी के बैंक खाते में 67.67 रुपये क्रेडिट हुए जबकि पार्टी ने अपने खातों में 54.15 करोड़ रुपए ही दिखाए यानी 13.16 करोड़ रुपए का हिसाब नहीं मिला और यह अज्ञात स्रोतों से माने गए. इसी प्रकार हवाला कारोबारी से पैसा रिपोर्ट में कहा गया है कि आम आदमी पार्टी ने 2 करोड रुपए हवाला ऑपरेटर से लिए और इनको चंदे के रुप में दिखाया. साथ ही रिपोर्ट में कहा गया कि आम आदमी पार्टी ने अपनी वेबसाइट पर और चुनाव आयोग को चंदे की गलत जानकारी दी.