श्रीनगर। कश्मीर में एक बार फिर सेना को लेकर आतंकियों के कुछ कथित हिमायती लोगों द्वारा बखेड़ा खड़ा किया गया है। दरअसल हाल ही में भारतीय सेना ने जैश–ए–मोहम्मद के एक आतंकी को मौत के घाट उतारा और सड़क पर घसीटते हुए ले गए। इसकी तस्वीर वायरल होने के बाद मानवाधिकार की वकालत करने वाले भड़क गए हैं। सेना की इस कवायद को बर्बर करार दिया जा रहा है।
गौरतलब है कि बीते गुरुवार को सेना ने जम्मू के धिहिटी गांव में सात घंटे चले मुठभेड़ के बाद जैश–ए–मोहम्मद के तीन आतंकियों को मार गिराया था। इस कार्रवाई में 3 सैन्य अधिकारियों समेत 12 सुरक्षाकर्मी जख्मी हुए थे। ये आतंकी सांबा सेक्टर से भारतीय सीमा में घुसे थे।
वहीं इस दौरान तीनों आतंकियों के शव मिलने के बाद अभियान खत्म हो गया था। उसी वक्त की एक फोटो वायरल हो रही है, जिसमें जवान एक मृत आतंकी को रस्सियों से बांधकर सड़क पर घसीटते हुए ले जा रहे हैं। अब इस बात के लिए सेना की आलोचना हो रही है कि उन्होंने शव का अपमान किया।
जिस पर कश्मीर घाटी में मानवाधिकार की आवाज उठाने वाले खुर्रम परवेज ने ट्वीट किया कि यह भारतीय सेना के मानवाधिकार का सबूत है। वहीं कश्मीर के वरिष्ठ पत्रकार अहमद अली फय्याज का कहना है कि कोई कानून, कोई इंटरनेशनल प्रोटोकॉल यह अनुमति नहीं देता कि आतंकियों के शव के साथ ऐसा बर्ताव किया जाए।
वहीं जबकि देश के तमाम लोगों द्वारा आतंकियों जैसे वहशी हैवानों के लिए मानवाधिकार की बात किये जाने को गैरवाजिब करार देते हुए कहा गया है कि एसे जल्लादों के लिए मानवाधिकार की दुहाई देने वालों और उनके परिवार वालों को अगर आतंकियों की दरिंदगी झेलनी पड़े तो मानवाधिकार के सही मायने खुद ब खुद समझ में आ जाऐंगे।