नई दिल्ली। जहां एक तरफ देश की सरकार उनकी जान के खतरे को लेकर बेहद सतर्क है वहीं PM मोदी हैं कि उनको इन सब बातों से नही कोई फर्क है। जिसकी बानगी है कि वो अपने चाहने वालों से मिलने के लिए जब तब अपनी सुरक्षा का प्रोटोकाल तोड़ने को मजबूर हो जाते हैं। इसी क्रम में आज प्रधानमंत्री मोदी स्वच्छता श्रमदान के लिए बिना सुरक्षा के ही निकल गए। इस दौरान कुछ देर के लिए उनकी गाड़ी ट्रैफिक में भी फंस गई। हालांकि धीरे-धीरे सभी गाड़ियां निकल गईं।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शनिवार को ‘स्वच्छता ही सेवा’ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान पीएम मोदी ने दिल्ली के पहाड़गंज में भीमराव अंबेडकर स्कूल में झाड़ू लगाया। उन्होंने अपने हाथों से जमीन पर फैली गंदगी को उठाया। यह अभियान महात्मा गांधी के जन्म दिवस 2 अक्टूबर तक चलेगा। वहीं इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने ‘स्वच्छता ही सेवा’ कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कहा कि मां गंगा की सेवा का ये पुण्य जो आप कर रहे हैं, उसका लाभ देश को होने वाला है।
इसके साथ ही मोदी ने कहा कि गंगा किनारे बसे गांवों में खुले में शौच से मुक्ति मां गंगा की निर्मलता के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है। गंगा हमारी संस्कृति है, विरासत है, पहचान है। मां गंगे के प्रति समर्पण और सम्मान गंगोत्री से गंगा सागर तक ना सिर्फ दिखना चाहिए, बल्कि उसे कष्ट देने की मानसिकता को दिमाग से निकालना भी चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘स्वच्छता एक आदत है जिसको नित्य के अनुभव में शामिल करना पड़ता है। ये स्वभाव में परिवर्तन का यज्ञ है जिसमें देश का जन-जन, आप सभी अपनी-अपनी तरह से योगदान दे रहे हैं ।’
इसके अलावा उन्होंने कहा कि अस्वच्छता, गंदगी विशेषतौर पर गरीबों के जीवन को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती है, उसे बीमारी के दलदल में धकेल देती है। डायरिया जैसी अनेक बीमारियों का सीधा संबंध गंदगी से है। ये बीमारियां लाखों जीवन हमसे छीन लेती हैं। उन्होंने कहा, ‘हमें इस बात का संतोष होना चाहिए कि स्वच्छ भारत अभियान के चलते डायरिया के मामलों में बहुत कमी आई है।’ उन्होंने कहा कि साफ सफाई के प्रति जन जागरण एक बात है, लेकिन जो कचरा हम पैदा करते हैं, उसका निपटान हमारे रास्ते का एक बड़ा रोड़ा है। ऐसे में कचरा प्रबंधन को हमें और प्रभावी बनाना होगा।