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अपने भी परायों जैसे आते पेश, हालातों के चक्रव्यूह में फंसते अखिलेश

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के लिए फिलहाल कुछ ऐसे जमाने आ गये हैं। कि क्या अपने क्या पराये तकरीबन वो सभी के निशाने पर आ गये हैं।। मौजूदा हालातों में हर कोई उन पर हमलावर हो रहा है। आज जहां भाजपा प्रवक्ता ने उनके द्वारा गठबंधन के लिए उतावलेपन पर आड़े हाथों लिया। वहीं कभी समाजवादी और मुलायम परिवार के लिए खास अहमियत रखने वाले अमर सिंह ने भी अखिलेश पर प्रहार करते हुए कहा कि जब तक मुलायम परिवार में एक खलनायक का वर्चस्व रहेगा। तब तक पार्टी और परिवार की दशा बदतर होती रहेगी। जबकि शिवपाल के खेमे द्वारा भी कोई कसर छोड़ी नही जा रही है।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में 2017 के विधानसभा चुनावों में मुलायम परिवार की कलह के चलते समाजवादी पार्टी की जो दशा हुई उससे संभवतः सबक नही लिया गया। जिसकी बानगी है कि जहां चुनावों के बाद मुलायम परिवार में काफी हद तक ऊपरी तौर पर सब शान्त नजर आ रहा था वो 2019 के लोकसभा चुनावों के नजदीक आने के साथ ही फिर से ज्वालामुखी बन फूट पड़ी। जिसका परिणाम है कि पार्टी ही नही बल्कि परिवार के एक सक्रिय और मजबूत स्तम्भ रहे शिवपाल यादव ने पार्टी से किनारा कर अपना सेक्यूलर मोर्चा बना लिया।

इतना ही नही शिवपाल के अलग होने से समाजवादी पार्टी के अंदर ही सुगबुगाहटों का दौर तेजी पकड़ने लगा। वहीं परिवार में कहीं न कहीं मुलायम भी उपेक्षित हैं जिसको मुलायम ने हाल ही में अपने बयान से जाहिर किया था। ऐसे में अपने सेक्यूलर मोर्चे के पोस्टर और झंडे में मुलायम सिंह को बखूबी सम्मान देकर सपा में एक अजीब हालात पैदा कर दिये। साथ ही साफ ऐलान भी कर दिया कि जो भी सपा में उपेक्षित हैं उनके लिए सेक्यूलर मोर्चे के दरवाजे खुले हैं। जिसका असर भी नजर आने लगा है।

वहीं अब विपक्षी दल भाजपा ये तक कहने लगी है कि जिस तरह से बसपा से गठबंधन को लेकर अखिलेश उतावले हैं उससे साफ जाहिर होता है कि अखिलेश को न तो खुद के नेतृत्व पर भरोसा बचा है और न ही कार्यकर्ताओं के समर्पण पर। इसीलिए वह रोज-रोज गठबंधन का राग अलाप रहे हैं। यह बात अलग है कि गठबंधन के लिए वह जिन दलों से उम्मीद लगाए बैठे हैं, वे उन्हें कोई तवज्जो नहीं दे रहे हैं। ऐसे में अखिलेश की हालत ‘मान ना मान, मैं तेरा मेहमान’ जैसी हो चुकी है।

इसके साथ ही उनकी पार्टी और परिवार के बेहद करीबी रहे अमर सिंह भी लगातार अखिलेश पर हमले कर रहे हैं। उन्होंने यहां तक कह दिया कि “मैंने अखिलेश का एडमिशन कराया। मैंने टिकट दिलाया और अखिलेश ने मुझे ही पराया बोल दिया। अखिलेश अपना हो या पराया सबको डंक मारने का काम करते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि ऐसा कोई सगा नहीं है जिसको अखिलेश ने नहीं ठगा। उन्होंने सपा के राष्ट्रीय महासचिव को खलनायक के नाम से संबोधित करते हुए कहा कि जब तक समाजवादी में खलनायक रामगोपाल यादव रहेंगे विघटन होता रहेगा।

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