पणजी। गोवा में सियासी घमासान अपने चरम पर पहुंचता जा रहा है। हालांकि आज मामले को सम्हालने की कमान भाजपा के चाणक्य अमित शाह द्वारा सम्हाल ली गई थी लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस द्वारा जोरदार तरीके से ऐसा दावा किया जाना कि 40 सदस्यीय विधानसभा में उसके पास 21 विधायकों का समर्थन है और साथ ही पार्टी का कहना है कि यह संख्या सरकार बनाने के लिए पर्याप्त है। मामले को काफी गंभीर बनाता नजर आ रहा है।
गौरतलब है कि राज्य में 16 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश कर चुकी है। विपक्षी दल ने ऐसे समय में सरकार बनाने का दावा पेश किया है जब राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर इलाज के लिए एम्स में भर्ती हैं। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चंद्रकांत कावलेकर ने कहा, ‘हमारे पास पर्याप्त संख्या है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हम आपको यह नहीं बताने जा रहे कि किसके साथ हम चर्चा कर रहे हैं। लेकिन हमें 21 विधायकों के समर्थन की जरूरत है और हमारे पास इससे ज्यादा हैं।’ कावलेकर के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने मंगलवार को राज्यपाल मृदुला सिन्हा से मुलाकात की थी।
कांग्रेस विधायक दल ने राज्यपाल से भाजपा की अगुआई वाली सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करने के लिए कहने की मांग की थी। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राज्यपाल ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह तीन-चार दिनों में इस मुद्दे को देखेंगी। कावलेकर ने दावा किया कि सत्ताधारी गठबंधन साझीदारों में भारी असंतोष के चलते राज्य में राजनीतिक स्थिति कांग्रेस के पक्ष में है।
उन्होंने कहा, ‘आपने देखा कि भाजपा पर्यवेक्षक गोवा आए और अपने विधायकों, पूर्व विधायकों और गठबंधन साझीदारों से मुलाकात की। वे गठबंधन से एक नेता को सरकार की अगुआई करने के लिए आमंत्रित करने पर भी बात कर रहे हैं। इससे दूसरे सहयोगी के लिए असहज स्थिति बन गई है।
बताया जाता है कि भाजपा के भीतर भी असंतोष है और कुछ नेता कांग्रेस के संपर्क में हैं।’ क्या है विधानसभा में स्थिति कांग्रेस के पास 16 विधायक हैं। भाजपा के पास 14, गोवा फारवर्ड पार्टी (जीएफपी), महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के तीन-तीन, राकांपा का एक और तीन निर्दलीय हैं।
इनके समर्थन से ही राज्य में भाजपा की अगुआई वाली सरकार है। कांग्रेस नेता ने इससे पहले कहा था कि भाजपा विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर सकती है। गोवा में विधानसभा चुनाव फरवरी 2017 में कराए गए थे। कांग्रेस विधायकों ने राज्यपाल से विधानसभा भंग नहीं करने का अनुरोध किया है।