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राहुल ने आधी आबादी के महत्व को स्वीकारते हुए कही ये बात

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नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश की तकरीबन आधी आबादी की भागीदारी के महत्व को आज बखूबी स्वीकार किया है। दरअसल आज राहुल गांधी ने कहा कि मैं चुनावों में ज्यादा से ज्यादा महिलाओं की भागीदारी और उम्मीदवारी देखना चाहता हूं क्योंकि उनके बिना भारत में कुछ भी नही हो सकता है।

गौरतलब है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी दक्षिणी राजस्थान के सागवाड़ा पहुंचे हैं। यहां वह राज्य में होने वाले चुनावों के मद्देनजर आदिवासी मतदाताओं को जनसभा करके एक बार फिर से अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं। इस दौरान जहां राहुल ने कहा कि मैं चुनाव में अधिक महिला उम्मीदवारों को देखना चाहता हूं क्योंकि उनके बिना भारत में कुछ भी नहीं हो सकता। वहीं कहा कि हम चाहते हैं कि एक दिन आप अपने फोन के पीछे ‘मेड इन राजस्थान’ लिखा देखो।

इसके साथ ही राहुल ने राफेल विमान सौदे में कथित घपले को लेकर एक बार फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोला और कहा कि देश से एक नयी आवाज उठ रही है कि ‘गली गली में शोर है, हिंदुस्तान का चौकीदार चोर है।’  राहुल ने कहा,‘‘नरेंद्र मोदी जी ने कहा था मैं देश का प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहता हूं, मैं देश का चौकीदार बनना चाहता हूं …लेकिन आज देश के दिल में, राजस्थान की जनता के दिल में एक नयी आवाज उठ रही है .. गली गली में शोर है, हिंदुस्तान का चौकीदार चोर है।’’

उन्होंने नोटबंदी को लेकर भी प्रधानमंत्री पर निशाना साधा और कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने इस कदम से पूरे देश को बैंक के सामने कतारों में खड़ा कर दिया। ‘‘लेकिन बैंक के सामने कतारों में सिर्फ गरीब लोग खड़े थे। कोई ललित मोदी, विजय माल्या या अनिल अंबानी उस कतार में नहीं था। यह पूरे देश ने देखा है।’’

उन्होंने माल व सेवा कर (जीएसटी) को एक बार फिर ‘गब्बर सिंह टैक्स’ करार दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार आएगी तो इस गब्बर सिंह टैक्स को बदलकर हम जीएसटी बना देंगे। ये जो पांच अलग अलग दरें बना रखी हैं इसे हम बदलकर एक कर दर देंगे।’ उन्होंने कहा,’‘कम से कम टैक्स आपको देने पड़ेंगे।’’

केंद्र सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम को विफल बताते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आज हमारी शर्ट से लेकर पैंट और जूते से लेकर मोबाइल पर ‘मेड इन चाइना’ का ठपा लगा होता है। उन्होंने बुलेट ट्रेन की व्यावहारिकता पर सवाल उठाया और कहा कि कुछ हजार लोगों की सुविधा के लिए इस परियोजना पर एक लाख करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं जबकि देश का कुल रेल बजट ही डेढ़ लाख करोड़ रुपये का है।

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