नई दिल्ली! चुनाव आयोग ने इन आशंकाओं को निराधार बताया है कि वह आगामी लोकसभा के चुनाव में वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) मशीनों को पूरी तरह उपलब्ध नहीं करा पाएगा. चुनाव आयोग ने कहा है कि वह भविष्य में लोकसभा चुनावों तथा उसके उपचुनावों और आगामी विधानसभा चुनावों में शत-प्रतिशत वीवीपैट मशीनें मुहैया कराने के लिए कृतसंकल्प है. आयोग ने बुधवार शाम यहाँ जारी विज्ञप्ति में कहा कि उसने भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड, बेंगलुरु तथा इलेक्ट्रॉनिक कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड हैदराबाद को 17 लाख 45 हज़ार वीवीपैट बनाने का आदेश दिया है जिसमें से नौ लाख 45 हज़ार मशीनें बन गयी हैं और शेष नवम्बर के अंत तक मिल जाएंगी.
आयोग ने कहा है कि वह वीवीपैट बनाने और उनकी आपूर्ति की रोज निगरानी कर रहा है ताकि ये मशीनें समय पर राज्यों एवं केंद्र शासित क्षेत्रों को पहुंचाई जा सकें. आयोग ने यह भी कहा है कि तकनीकी विशेषज्ञों की समिति द्वारा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) एवं वीवीपैट में सुझाई गयी डिजाइन और अन्य सुरक्षा को भी शामिल कर लिया गया है ताकि उनमें किसी तरह की कोई गड़बड़ी न हो.
आयोग ने कहा है कि उसने वीवीपैट खराब होने की घटनाओं को देखते हुए अतिरिक्त मशीनों की संख्या 125 से बढ़ाकर 135 प्रतिशत की है. आयोग का अनुमान है कि 171 प्रतिशत बैलट यूनिट 125 प्रतिशत कंट्रोल यूनिट और 135 प्रतिशत वीवीपैट की आवश्यकता होगी. आयोग ईवीएम के जरिये अब तक लोकसभा के तीन चुनाव और विधानसभा के 113 उपचुनाव करा चुका है.