Tuesday , April 23 2024
Breaking News

शरद की मोदी के प्रति सहानुभूती रास न आई, एक बड़े नेता ने इस हद तक नाराजगी जताई

Share this

नई दिल्ली। देश में रॉफेल डील मामला में वैसे तो कांग्रेस और भाजपा के बीच घमासान जारी ही था कि अब इसकी चपेट में कुछ और भी दल आने लगे हैं। जिसकी बानगी है कि कल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के एक बड़े नेता ने महज पार्टी मुखिया द्वारा रॉफेल मामले में प्रधानमंत्री मोदी की सहानुभूति में दो शब्द कह दिये थे।

गौरतलब है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के राष्ट्रीय महासचिव तारिक अनवर ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है। इतना ही नहीं उन्होंने लोकसभा के सांसद पद से भी इस्तीफा दे दिया है। बिहार के कटिहार से सांसद अनवर ने यह भी कहा कि वह अपने संसदीय क्षेत्र से दिल्ली पहुंचने के बाद अगले कदम के बारे में फैसला करेंगे।

इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘‘जब राफेल मामले में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ विपक्ष आवाज उठा रहा है तो पवार साहब (राकांपा प्रमुख) प्रधानमंत्री का बचाव करने वाला बयान दे रहे हैं। ऐसे में मैंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया।’’ अनवर ने कहा, ‘‘मैंने लोकसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है।’’

पार्टी से इस्तीफा देने के बाद अनवर ने कहा, ‘हमारे (एनसीपी) राष्ट्रीय अध्यक्ष ने राफेल सौदे पर अप्रत्यक्ष तौर से पीएम मोदी को क्लीनचिट दे दी है। पीएम इस सौदे में पूरी तरह से शामिल थे। विपक्ष इस मामले की जांच संयुक्त संवैधानिक समिति (जेपीसी) से कराने की मांग कर रहा है। मैं उनके बयान से नाराज हूं।’

ज्ञात हो कि पूर्व केंद्रीय मंत्री  तारिक अनवर एनसीपी के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। सोनिया गांधी के विदेशी मूल का मुद्दा उठाने पर पवार, अनवर और पी ए संगमा को कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था। इसके बाद तीनों नेताओं ने 25 मई, 1999 को एनसीपी का गठन किया था। कांग्रेस में वापसी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मैं अभी कटिहार में हूं। दिल्ली पहुंचने के बाद अगले कदम के बारे में फैसला करूंगा।’’

दरअसल राफेल सौदे को लेकर शरद पवार ने कहा था कि निजी तौर पर मुझे लगता है कि लोगों को पीएम मोदी की नीयत पर कोई शंका नहीं है। शरद पवार ने एक मराठी न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस की मांग पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ओर से तकनीकी जानकारी सार्वजनिक करने की मांग औचित्यहीन है। उन्होंने कहा लेकिन, उन्होंने यह भी कहा कि फाइटर प्लेन राफेल की कीमतों का खुलासा करने से सरकार को कोई हर्ज नहीं है क्योंकि इससे कोई खतरा नहीं होता।

हालांकि वहीं रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और वित्तमंत्री अरुण जेटली पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि जिस तरह से निर्मला सीतारमण ने राफेल सौदे को लेकर सरकार का पक्ष को रखा, उससे लोगों के मन में दुविधा की स्थिति पैदा हुई है। पूर्व रक्षामंत्री पवार ने कहा कि जहां तक राफेल लड़ाकू विमान का सवाल है वह तकनीकी दृष्टि से देश की रक्षा के लिए बहुत उपयोगी है।

Share this
Translate »