लखनऊ। उत्तर प्रदेश में दिन-ब-दिन हालात सरकार के काबू से बाहर होते जा रहे हैं क्योंकि जिन पर जो जिम्मेदारी है वो सभी तकरीबन अपनी अपनी जिम्मेदारियां बखूबी नही निभा रहे हैं। जिसकी बानगी है कि रोज ही कोई न कोई ऐसा मामला सामने आ रहा है जो सरकार की किरकिरी करा रहा है। इसी क्रम में अब तो हद ही पार हो गई जब प्रदेश की राजधानी लखनऊ की पुलिस ने महज गाड़ी न रोकने पर एक प्रतिष्ठित प्राइवेट कंपनी के अफसर युवक को गोली मार दी। जिससे उसकी मौत हो गई।
हालांकि मामले की गंभीरता को देखते आनन-फानन में गोली मारने के आरोपी दोनों सिपाहियों को बर्खस्त कर उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर ली गई है। वहीं मुख्यमंत्री ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि यह मामला एनकॉउन्टर का नही है आरोपियों पर तुरंत कारवाई करी गई है बावजूद इसके अगर जरूरत हुई तो पूरे मामले की सीबीआई जांच भी कराई जायेगी।
गौरतलब है कि बीती देर रात गोमतीनगर विस्तार में सीएमएस स्कूल के पास शुक्रवार रात करीब ढाई बजे एक कार खड़ी थी। उसी दौरान पुलिस बाइक पर सवार होकर गोमतीनगर थाने में तैनात सिपाही प्रशांत चौधरी और एक अन्य सिपाही वहां पहुंचे। दोनों ने कार में एक युवक और युवती को देखा तो मामला संदिग्ध समझ उनसे पूछताछ के लिए कार के पास पहुंचे। इतने में ही कार चला रहे मैनेजर विवेक तिवारी ने गाड़ी बढ़ा दी।
फिलहाल मामला संगीन होते देख पुलिस का आरोप है कि जब हमने गाड़ी रोकने का प्रयास किया तो युवक ने कार चढ़ाने की कोशिश की। इससे सिपाहियों को भी चोट आई और उनकी बाइक भी क्षतिग्रस्त हो गई। इस पर भी जब कार नहीं रुकी तो सिपाही प्रशांत चौधरी ने फायरिंग कर दी। गोली सीधे जाकर विवेक के सिर में लगी। कुछ दूरी पर गाड़ी एक दीवार से टकराकर रुक गई।
वहीं जबकि विवेक के साथ कार में बैठी उनकी कंपनी की ही कर्मचारी सना का कहना है कि विवेक के सिर से खून बहता देख उसने मदद के लिए गुहार लगाई। कुछ देर बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची। तत्काल विवेक को लोहिया अस्पताल ले जाया गया, जहां कुछ देर बाद उसने दम तोड़ दिया। इतनी गंभीर और सनसनीखेज घटना की सूचना मिलते ही समूचे शासन-प्रशासन समेत पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।
आनन-फानन में तमाम आला अफसरों ने मौके पर पहुच मामले की छानबीन शुरू कर दी। सना की तहरीर पर आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी और संदीप के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है। वहीं, घटना के करीब आठ घंटे बाद चोटिल हुए दोनों सिपाहियों का मेडिकल परीक्षण लोहिया अस्पताल में कराया गया। इस मामले में एसएसपी कलानिधि नैथानी ने कहा कि आरोपी पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की जा रही है।
वहीं इस बाबत जानकारी देते हुए राजधानी पुलिस के कप्तान कलानिधि नैथानी ने कहा कि विवेक के शव का पोस्टमार्टम कराया गया, जिसमें गोली लगने से मौत की पुष्टि हुई है। उन्होंने कहा कि आरोपी सिपाहियों के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। मामले की जांच के लिए एसपी क्राइम के नेतृत्व में स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम का गठन किया गया है। गोमतीनगर थाने को जांच न सौंपकर मामले की विवेचना महानगर एसएचओ को सौंपी गई है। इसके अलावा जिलाधिकारी को पत्र लिखकर मामले की मजिस्ट्रेटी जांच की मांग की गई है।
जबकि वही मृतक विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना तिवारी इस घटना से बेहद दुखी और आक्रोशित है उन्होंने इस घटना को लेकर कहा है कि गोली मारकर हत्या करने के बाद लखनऊ पुलिस पति को चरित्रहीन साबित करने में लगी है। कल्पना ने सवाल उठाया कि गाड़ी न रोकने पर गोली चलाने का अधिकार पुलिस को किसने दिया। कल्पना तिवारी ने सीएम योगी को पत्र लिखकर मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि पीड़ित परिवार की जीविका चलाने के लिए उन्हें पुलिस विभाग में नौकरी दी जाए। इसके अलावा एक करोड़ रुपये का मुआवजा भी दिया जाए।