लखनऊ। प्रदेश का मैनचेस्टर कहा जाने वाला कानपुर शहर हाल के पिछले कुछ दशकों से न सिर्फ तमाम दंगो और आतंकवादियों के कनेक्शन के चलते चर्चा में रहा है। जिसकी बानगी रही है कि अब तक कई बार इस शहर से आतंकियों की न सिर्फ गिरफ्तारी हुई है बल्कि बखूबी इनका नेटवर्क भी सामने आया है। जिसके तार कई और शहरों से जुड़े हुए हैं।
गौरतलब है कि कानपुर में जिस तरह से अभी हाल में एक बार फिर हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी कमरुजम्मा की गिरफ्तारी हुई है उसने न सिर्फ तमाम सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े कर दिये हैं वहीं साथ ही एक और नया मामला सामने आया है। जिसके तहत मकनपुर, बिल्हौर के एक नामचीन परिवार का टेरर फंडिंग से कनेक्शन होने का सुरक्षा एजेंसियों को पता चला है।
सुरक्षा एजेंसियों के अफसरों को यह भी जानकारी हुई है कि परिवार के मुखिया और उसके बेटे देशविरोधी तत्वों को शरण देने के साथ ही आर्थिक मदद भी पहुंचाते हैं। दरअसल मकनपुर, बिल्हौर का यह नामचीन परिवार एक धार्मिक संस्था से भी ताल्लुक रखता है। इस संस्था के देश-विदेश में भारी संख्या में अनुयायी हैं। परिवार के लोग अक्सर विदेश आते-जाते रहते हैं।
अफसरों को काफी हद तक ऐसा शक है कि यह परिवार धार्मिक संस्था के अनुयायियों के जरिये टेरर फंडिंग (आतंकियों को धन मुहैया) करवाता है। इसके साथ ही अफसरों ने इस परिवार के लोगों के बैंक खातों के नंबर और आधार कार्ड की कॉपी लेकर छानबीन तेज कर दी है। संभावना है कि जल्द ही कोई नया खुलासा हो सकता है।
इतना ही नही बल्कि सुरक्षा एजेंसियों ने दिल्ली में टेरर फंडिंग से जुड़े दो लोगों को पकड़ा था। उनसे पूछताछ में बरेली के फतेहगंज निवासी राशिद पुत्र इजराइल के बारे में जानकारी मिली थी। राशिद दिल्ली की एक निजी कंपनी में नौकरी करता है। सुरक्षा एजेंसी ने बरेली में छापा मारा, लेकिन वह हाथ नहीं लगा।
हालांकि सुरक्षा एजेंसी की टीम ने राशिद के मोबाइल की लोकेशन के आधार पर बृहस्पतिवार को मकनपुर में उस परिवार के घर में दबिश दी, लेकिन राशिद पकड़ में नहीं आया। वहीं बिल्हौर थाना प्रभारी ने भी इस बात की पुष्टि की है कि धोखाधड़ी के मामले में आरोपी राशिद की तलाश में दिल्ली से एक टीम यहां आई थी।