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खाकी सनक और हनक के नशें में हुई चूर, अपने असल फर्ज से हुई कोसों दूर

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लखनऊ। अभी कल ही प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दो पुलिकर्मियों की हरकत से खाकी न सिर्फ शर्मसार हुई है बल्कि काफी हद तक उसकी इज्जत तार-तार हुई है लेकिन बावजूद इसके तमाम खाकीधारी अभी भी अपनी हनक और सनक में इस कदर चूर हैं कि अपने असल फर्ज से कोसों दूर हैं। जिसकी ताजी बानगी प्रदेश के दो जनपदों में फिर देखने को मिली है।

गौरतलब है कि जिसमें एक जगह तो खाकीधारियों ने अपनी ही सहयोगी को इस कदर सताया कि उसने मजबूरन खुदकुशी का कदम उठाया। वहीं दूसरे मामले में नशे में धुत्त इन खाकीधारियों ने ट्रेन में खेलकूद में भाग लेने जा रही छात्र छात्राओं को न सिर्फ जमकर पीटा बल्कि उनको लॉकअप में बंद तक कर दिया।

मिली जानकारी के मुताबिक  प्रदेश के जनपद बाराबंकी में किराए पर कमरा लेकर रह रही हैदरगढ़ कोतवाली में तैनात महिला सिपाही का शव सुबह अपने कमरे में फंदे से लटकता मिला। महिला सिपाही ने अपने सुसाइड नोट में थाना प्रभारी व अन्य पर प्रताड़ना का आरोप लगाया। स्थानीय पुलिस कई घंटे तक सुसाइट नोट को छुपाने का प्रयास करती रही। घटना की सूचना पाकर मौके पर एएसपी समेत अन्य अधिकारी पहुंचे। मामले में एसपी ने प्रभारी निरीक्षक परशुराम ओझा और मुंशी रुखसार अहमद को लाइनहाजिर कर दिया है।

महिला सिपाही मोनिका के कमरे में सुसाइड नोट मिला मगर हैदरगढ़ पुलिस मैं उसे छुपा लिया। कई घंटे के बाद वह सुसाइड नोट व्हाट्सएप पर वायरल हो गया। सुसाइड नोट में मोनिका ने लिखा है कि वह थाने में क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) मैं काम करती है इसके बावजूद लगातार उसकी ड्यूटी बाहर नियम विरुद्ध लगाई जाती है।

इसका जब मैंने विरोध किया तो थाने पर तैनात कांस्टेबल मोहर्रिर रुखसार अहमद व एसएचओ परशुराम ओझा द्वारा मुझे प्रताड़ित किया जाने लगा। मेरी गैरहाजिरी की रपट भी लिख दी। 29 सितंबर को जब मैं छुट्टी का प्रार्थना पत्र लेकर एसएचओ परशुराम ओझा के पास गई तो उन्होंने रजिस्टर फेंक दिया और कहा कि मैं छुट्टी नहीं दूंगा, सीओ से जाकर मिलो।

मोनिका ने अपने पत्र में लिखा कि छुट्टी अधिकार होता है उसके लिए भी अगर उच्चाधिकारियों के सामने भीख मांगने पड़े तो यह ठीक नहीं है। अगर मुझे छुट्टी दे दी जाती तो यह कदम मै ना उठाती। अंत में उसने अपने मम्मी पापा को सॉरी बोलते हुए माफी मांगी है। इस पूरे मामले में अभी पुलिस अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं। एसपी वीपी श्रीवास्तव ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है अभी तक सुसाइड नोट की कोई सूचना नहीं है।

इसके साथ ही प्रदेश के जनपद बांदा में एक बार फिर जीआरपी सिपाहियों का क्रूर चेहरा सामने आया है, शनिवार रात महोबा से लौट रहे खिलाड़ी छात्र-छात्राओं को पहले ट्रेन में मारा-पीटा गया, फिर लॉकअप में बंद कर दिया।

न्यूज एजेंसी आईएनएस के मुताबिक इन छात्र-छात्राओं के कोच रामदेव ने बताया कि 50 खिलाड़ी छात्र-छात्राओं के साथ मंडलस्तरीय खेल प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर महोबा से बांदा-झांसी पैसेंजर ट्रेन में सवार होकर बांदा लौट रहे थे, इस बीच पैसेंजर ट्रेन में नशे में धुत्त राजकीय रेलवे पुलिस के जवान बोगी के अंदर सीट खाली करने के बहाने छात्राओं के साथ बदसलूकी करने लगे।

इतना ही नही बल्कि विरोध करने पर छात्र और छात्राओं के साथ मारपीट भी की। रात लगभग 10.30 जब ट्रेन बांदा स्टेशन पहुंची तो सिपाहियों ने अपने एक दर्जन सिपाही साथियों को बुला लिया और बोगी से सभी छात्र-छात्राओं को बाहर घसीट कर स्टेशन में बुरी तरह से मारपीट करने के बाद छात्रों को जीआरपी थाने के लॉकअप में बंद कर दिया।”

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