नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज यहां एक समाचार पत्र द्वारा आयोजित समिट के दौरान कई अहम मुद्दों पर बखूबी अपने विचार रखे। जिससे उनकी आगामी लोकसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ महागठबंधन की कवायद को बल मिलता नजर आया। जिसके तहत उन्होंने बसपा के लोकसभा चुनावों में साथ आने की उम्मीद जताते हुए कहा कि रही बात प्रधानमंत्री पद की तो वो बाद की बात है पहले तो हम सभी का लक्ष्य भाजपा को हराना है। लेकिन साथ ही कहा कि अगर जीत के बाद सभी सहयोगी चाहेंगे तो उन्हें प्रधानमंत्री बनने में हर्ज भी नही है।
गौरतलब है कि आज यहां ‘हिंदुस्तान टाइम्स लीडरशिप समिट में राहुल गांधी ने कहा कि मध्य प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करने के बसपा प्रमुख मायावती के फैसले का कांग्रेस की संभावनाओं पर असर नहीं होगा। उन्होंने यह भी कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा साथ आ सकती है। मायावती ने कुछ दिनों पहले ही कहा था कि वह मध्यप्रदेश और राजस्थान के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेगी।
इसके साथ ही उन्होंने कहा, ”मुझे नहीं लगता कि मध्य प्रदेश में बसपा के गठबंधन नहीं करने से हमारे ऊपर कोई विपरीत असर हो रहा है। बहरहाल, गांधी ने यह भी कहा कि अगर गठबंधन होता तो बेहतर होता। उन्होंने उम्मीद जताई कि मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना के आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस जीत हासिल करेगी।
गठबंधन के मुद्दे पर उन्होंने कहा, ”राज्य में गठबंधन और केंद्र के स्तर पर गठबंधन में बहुत अंतर होता है। मायावती जी ने इसका संकेत दिया है। राज्य में हमारा रुख लचीला था। असल में प्रदेश के कुछ नेताओं की तुलना में मेरा रुख ज्यादा लचीला था। हम बातचीत कर रहे थे, लेकिन मुझे लगता है कि उन्होंने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया था।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री की उम्मीदवारी को लेकर उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों ने सबसे पहले बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को पराजित करने का फैसला किया है। इसके बाद प्रधानमंत्री को लेकर फैसला होगा। लेकिन अगर गठबंधन वाले दल मुझे चाहते हैं तो फिर जरूर बनूंगा। वहीं मंदिरों पर जाने को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि मैं कई वर्षों से मंदिर, गुरुद्वारा, मस्जिद जा रहा हूं, लेकिन अचानक यह सुर्खियों में आने लगा है। मुझे लगता है कि बीजेपी को यह रास नहीं आ रहा है।