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कांग्रेस के महागठबंधन का मामला और भी लटका, मायावती के बाद अब अखिलेश ने दिया झटका

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नई दिल्ली। भाजपा से मुकाबले के लिए कांग्रेस के महागठबंधन की कवायद को एक और झटका उस वक्त लगा जब मध्य प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी के बाद अब समाजवादी पार्टी ने भी कांग्रेस से किनारा कर लिया। जिसके चलते कांग्रेस की भाजपा के खिलाफ जारी मुहिम कमजोर पड़ती नजर आ रही है।

गौरतलब है कि अब सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, ‘कांग्रेस ने हमें काफी इंतजार करवाया है। हम बसपा के साथ बातचीत करेंगे। यदि कांग्रेस उनके साथ गठबंधन करना चाहती है तो वह खुद कोशिश करे। फिलहाल उनकी पार्टी का कांग्रेस के साथ कोई गठबंधन नहीं है।’

हालांकि सपा के साथ गठबंधन का संकेत देते हुए मध्यप्रदेश कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ ने गुरुवार को कहा था कि कुछ दिनों पहले मैंने अखिलेश यादव से बात की है। हम उनके साथ बातचीत कर रहे हैं। वहीं बसपा के साथ गठबंधन टूटने पर उन्होंने कहा था, ‘बसपा ने जिन सीटों की हमें सूची दी थी वहां उसके जीतने के कोई आसार नहीं थे और जिन सीटों पर वह चुनाव जीत सकते थे उन्हें सूची में शामिल नहीं किया गया था।’

ज्ञात हो कि कुछ दिनों पहले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया था। बसपा प्रमुख मायावती ने कहा था कि वह अकेले ही चुनाव मैदान में उतरेंगी। जबकि बसपा के साथ गठबंधन टूटने पर अखिलेश ने कांग्रेस को सलाह देते हुए कहा था, ‘कांग्रेस को समान विचारधारा वाले दलों को साथ लेकर चलना चाहिए। कांग्रेस अच्छी पार्टी है, उसे दिल बड़ा करना चाहिए।’

वहीं एमपी में गठबंधन टूटने के लिए मायावती ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा था कि दिग्विजय आरएसएस एजेंट हैं। मायावती ने यह भी कहा था कि कांग्रेस उनकी पार्टी को खत्म करना चाहती है और वह उसके साथ कभी गठबंधन नहीं करेंगी। कुल मिलाकर देश के सबसे अहम सूबे उत्तर प्रदेश में भाजपा के मुकाबले दो मजबूत और मुख्य विरोधी दलों सपा और बसपा से कांग्रे की बात का न बन पाना। साफ जाहिर करता है कि भाजपा के लिए रास्ता काफी हद तक आसान हो सकता है।

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