नई दिल्ली. शनिवार को पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों के ऐलान के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस के समय में बदलाव पर कांग्रेस ने चुनाव आयोग की स्वतंत्रता पर ही सवाल खड़े कर दिए. इसके बाद जब 3 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस हुई तो इस बाबत पूछे गए सवाल पर चुनाव आयोग ने टिप्पणी करने से ही साफ इंकार कर दिया. आपको बता दें कि शनिवार को चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में चुनाव तारीखों की घोषणा कर दी.
कांग्रेस के नेता रणदीप सुरजेवाला के आरोपों पर मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा, ‘राजनेता हर चीज में राजनीति देखते हैं. हमें इस पर कोई टिप्पणी नहीं करनी है.’ मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने आखिरी समय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के समय में बदलाव करने के लिए माफी भी मांगी. इतना ही नहीं, मुख्य चुनाव आयुक्त ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के समय को बदलने के 3 कारण भी दिए.
1- तेलंगाना रोल्स के प्रकाशन के लिए टाइमलाइन का आखिरी मिनट में हुआ निर्धारण.
2- हाईकोर्ट का लंबित निर्देश कि तेलंगाना रोल्स को सबसे पहले उन्हें दिखाया जाना चाहिए.
3- एक राज्य द्वारा उपचुनावों के लिए देरी का अनुरोध.
गौरतलब है कि इससे पहले कांग्रेस ने आरोप लगाते हुए कहा था कि ऐसा लगता है कि चुनाव आयोग ने मतदान की तारीखों के ऐलान के लिए पहले से तय अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में देरी की जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राजस्थान में रैली को संबोधित कर सकें.
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, चुनाव आयोग को पहले 12.30 pm पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करना था, जिसमें विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान होता. लेकिन, इसे 3 pm तक स्थगित कर दिया गया.’
उन्होंने कहा कि यह बदलाव इसलिए किया गया जिससे पीएम मोदी राजस्थान में दोपहर 1 बजे अपनी रैली को संबोधित कर सकें. सुरजेवाला ने चुनाव आयोग की स्वतंत्रता पर सवाल उठाए थे. माना जा रहा है कि अगर चुनाव कार्यक्रम घोषित होने के बाद पीएम मोदी रैली करते तो इस रैली का खर्च भी चुनावी रैली में ही जोड़ा जाता.