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इबादतगाह के निर्माण में टेरर फंडिंग सामने आई, खुफिया एजेंसियों ने शुरू की अहम कारवाई

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नई दिल्ली। हरियाणा के पलवल में बन रही एक इबादतगाह में लगने वाली रकम का जरिया सामने आने से न सिर्फ देश की तमाम सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं बल्कि एक पल को तमाम इस्लाम को मानने वाले भी सकते में आ गए हैं। क्योंकि इस्लाम के मुताबिक इबादतगाह की तामीर में महज जायज रकम ही लगनी चाहिए।

गौरतलब है कि टेरर फंडिंग में एनआईए की ओर से मोहम्मद सलमान की गिरफ्तारी के बाद चर्चा में आई पलवल जिले के उटावड गांव की मरकजी मस्जिद के निर्माण के बाद अब नूंह जिले सहित मेवात इलाके की उन सभी मजिस्दों पर नजर रखी जाने लगी है, जिनका निर्माण पिछले चार साल के अंदर हुआ या फिलहाल चल रहा है।

बताया जाता है कि आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के पैसों से हरियाणा के पलवल जिले में मस्जिद का निर्माण होने की बात सामने आई है।  यह खुलासा राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनआईए) ने किया है।  एनआईए को इसका पता दिल्ली में हवाला रैकेट में पकड़ाए सजाद अहमद वाणी, सलमान और मोहम्मद सलीम से हुई पूछताछ में लगा।

इतना ही नही बल्कि जांच में यह सामने आया है कि मस्जिद ‘खुलाफा-ए-राशदीन’ पलवल जिले के उत्तावर में स्थित है।  जिसे आतंकी संगठन लश्कर-ए- तैयबा अपने फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन के जरिये फंडिंग कर रहा था।

वहीं एनआईए के अलावा गुप्तचर विभाग व स्थानीय पुलिस प्रशासन भी सक्रिय हो गया है, हालांकि कोई कुछ बताने से इनकार कर रहा है। सूत्रों के अनुसार मस्जिदों के निर्माण में सक्रिय उन लोगों की भी जांच की जा रही है, जो हर महीने या दो माह में विदेशी दौरों पर जा रहे हैं। गुप्तचर विभाग व पुलिस ने उनके पासटपोर्ट की जांच शुरू कर दी है।

ज्ञात हो कि उटावड निवासी सलमान को एनआईए ने दिल्ली में गिरफ्तार किया था। उसकी गिरफ्तारी के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को जानकारी मिली कि उटावड की मरकजी मस्जिद के निर्माण में टेरर फंडिंग का पैसा लगाया जा रहा है। इसमें पाकिस्तान में हाफिज सईद के नेतृत्व वाले लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का पैसा लगाया जा रहा है।

एजेंसी की टीम ने उटावड मस्जिद का रिकार्ड खंगाला था। हालांकि वहां के लोगों का कहना था कि इस मस्जिद में लोगों द्वारा दिए गए दान का पैसा लगाया जा रहा है और मस्जिद के रिकार्ड में भी यही दर्शाया गया था। इसके बाद भी मरकजी मस्जिद पर जांच एजेंसी की पूरी निगाह है।

वहीं इस मामले के सामने आने पर गुप्तचर विभाग की टीम तथा जांच एजेंसी ने मेवात की उन मस्जिदों की जांच शुरू कर दी है, जिनका निर्माण पिछले चार-पांच सालों में हुआ है तथा आज भी चल रहा है। इस बात की जांच की जा रही है कि इनके निर्माण में लगने वाला पैसा कहां से आ रहा है। इसके अलावा मस्जिद निर्माण में जुटे हुए उन लोगों की भी जांच की जा रही है जो महीने-दो महीने में किसी न किसी काम के बहाने विदेश जा रहे हैं।

इसके साथ ही इस प्रकरण के बाद एनआईए ने पलवल जिले के उटावड व आसपास के क्षेत्र में पिछले दो साल में कितने पासपोर्ट बनाए गए हैं, उनकी जांच शुरू कर दी है। उटावड क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बहीन थाना पुलिस की माने तो 2017 में 774 व 2018 में अब तक 510 पासपोर्ट बन चुके हैं।

जबकि सूत्रों के अनुसार गुप्तचर व जांच एजेंसी इन पासपोर्ट की पुलिस की ओर से की गई जांच की जानकारी और नंबर पासपोर्ट विभाग से ले रही है, ताकि पता चल पाए कि इन लोगों में से कितने लोग कितनी-बार विदेशी दौरे पर गए तथा कितने ऐसे हैं जो महीने व दो महीने में विदेश जा रहे हैं।

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