लखनऊ। तकरीबन 400 साल से अधिक समय पहले अकबर द्वारा प्रयागराज का नाम बदल कर इलाहाबाद किया गया था जिसको प्रदेश की योगी सरकार ने आज पूर्णरूप से बदल कर वापस प्रयागराज कर दिया। जिस पर तमाम प्रतिक्रियाऐं और विरोध सामने आ रही हैं इस सबके बीच भाजपा और सरकार के मंत्री द्वारा इतना ही कहा गया कि विरोध करने वालों की मानसिकता ठीक उनके ही जैसी है जिन्होंने इसका नाम बदल कर इलाहाबाद रखा था।
गौरतलब है कि आज यानि मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इलाहाबाद का नाम बदलकर फिर से प्रयागराज करने का फैसला लिया गया। जिसका भाजपा ने स्वागत किया है। वहीं सरकार के इस कदम का विरोध करने वालों को लेकर भाजपा नेताओं का कहना है कि जिस मानसिकता से अकबर ने प्रयागराज का नाम इलाहाबाद किया था, उसी मानसिकता के लोग आज उसका नाम प्रयागराज होने पर विरोध कर रहे हैं।
भाजपा नेताओं के अनुसार अकबर ने करीब 400 साल पहले प्रयागराज का नाम बदल कर इलाहाबाद किया था। आज उस भूल को सुधारने का काम योगी सरकार ने किया है। वहीं विपक्षी दलों द्वारा विरोध किये जाने संबंधी को लेकर उनका मानना है कि, ”जिस मानसिकता से 15वीं शताब्दी में अकबर ने नाम परिवर्तित किया था, उसी मानसिकता के लोग आज इलाहाबाद का नाम प्रयागराज होने पर विरोध कर रहे हैं।”
हालांकि उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा भी कह चुके हैं कि आस्था के साथ खिलवाड़ तो तब हुआ था जब इस संगम नगरी का नाम बदलकर इलाहाबाद रखा गया था। श्रीकांत शर्मा ने कहा कि इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किए जाने पर कुछ लोग जो आपत्ति जता रहे हैं, वह निराधार है। किसी जिले का नाम बदलना सरकार का अधिकार है। जहां तक आस्था की बात है तो आस्था से तब खिलवाड़ हुआ था, जब प्रयागराज का नाम बदलकर इलाहाबाद रखा गया था।
ज्ञात हो कि सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने कल कहा था कि राजा हर्षवर्धन ने अपने दान से प्रयाग कुम्भ का नाम किया था और आज के शासक केवल प्रयागराज नाम बदलकर अपना काम दिखाना चाहते हैं। इन्होंने तो अर्ध कुम्भ का भी नाम बदलकर कुम्भ कर दिया है। यह परम्परा और आस्था के साथ खिलवाड़ है।