नई दिल्ली। देश में चुनावी मौसम आए और मंदिर मुद्दा न गर्माये ऐसा संभव नही है। जिसकी बानगी है कि एक बार फिर मंदिर मुद्दे पर सियासत जोर पकड़ने लगी है। दरअसल हाल ही में जहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि जल्द से जल्द राम मंदिर का निर्माण किया जाना चाहिए और इसके लिए जरूरी है कि सरकार एक कानून लाए। वहीं अब इस बयान पर असदुद्दीन ओवैसी ने पलटवार किया है।
गौरतलब है कि ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलिमीन (एआईएमएआईएम) प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि आरएसएस और उनकी सरकार को मंदिर का निर्माण करने से किसने रोका है? उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र को साम्राज्यवाद में परिवर्तित किए जाने का यह एक स्पष्ट उदाहरण है।
इतना ही नही ओवैसी ने कहा, ‘आरएसएस और भाजपा साम्राज्यवाद पर विश्वास करते हैं। वो बहुलतावाद या कानून के शासन पर विश्वास नहीं करते हैं। वो कानून को नजरअंदाज कर रहे हैं। जब सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर कहा है कि आप किसी धर्म को लेकर खास कानून नहीं बना सकते हैं। फिर भी अगर वो कानून बनाना चाहते हैं तो बनाएं। उन्हें किसने रोका है?
ज्ञात हो कि गुरुवार को मोहन भागवत ने नागपुर में संघ के मुख्यालय में विजयादशमी के मौके पर बोलते हुए कहा कि सरकार को चाहिए कि वह एक कानून लाकर राम मंदिर का निर्माण सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि स्व-गौरव की दृष्टि से यह आवश्यक है और मंदिर बनने से देश में सद्भावना व एकात्मता का वातावरण बनेगा।
उन्होंने कहा, ‘यह मामला अभी अदालत में चल रहा है, लेकिन यह कितना लंबा चलेगा? दरअसल, इस मामले में राजनीति आ गई है, इसलिए यह मामला लंबा खींचा जा रहा है। इस मामले पर हो रही राजनीति को खत्म करना चाहिए और जल्द से जल्द राम मंदिर का निर्माण किया जाना चाहिए।’