- लखनऊ। बिटक्वांइन के नाम पर एक अमेरिकी युवक द्वारा उत्तर प्रदेश के एक युवक की रकम हड़प लिये जाने से वो युवक इतना बौखला गया कि उसने अमेरिका के मियामी एयरपोर्ट को उड़ाने की धमकी देकर अमेरिकन खुफिया एजेंसी को सकते में डाल दिया। हालांकि प्रदेश पुलिस ने कारवाई करते हुए उस युवक को हिरासत में लेकर छानबीन शुरू कर दी है।
गौरतलब है कि यूपी के जालौनी में रहने वाले युवक ने अमेरिका के मियामी एयरपोर्ट को एके-47 और ग्रेनेड से उड़ाने की धमकी देकर हड़कम्प मचा दिया। इस युवक ने एयरपोर्ट पर कॉल कर कई बार धमकी दी, कई मेल किए। अमेरिका में इस धमकी से सनसनी फैली तो वहां की एजेन्सी फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (एफबीआई) ने एनआईए से मदद मांगी थी।
वहीं एनआईए ने मामले को यूपी एटीएस के संज्ञान में डाला। इसके बाद ही एटीएस ने आईपी एड्रेस से पड़ताल कर उसे हिरासत में लिया। युवक ने बताया कि उसने पिता से 70 हजार रुपए लेकर बिटक्वाइन खरीदे थे। अमेरिका के एक युवक ने बिटक्वाइन में और फायदा दिलाने की बात कहकर उसके रुपए हड़प लिए।
इस बाबत जानकारी देते हुए डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि पकड़ा गया युवक जालौन का रहने वाला है और उसकी उम्र 18 साल तीन माह है। उसके कम्प्यूटर व मोबाइल फोन की पड़ताल की गई तो धमकी देने वाली बात सही निकली। उसने भी अपना जुर्म कुबूल कर लिया।
उनके अनुसार युवक ने बताया कि उसने अपने पिता से रुपए लेकर 1000 यूएस डॉलर के बिटक्वाइनस खरीदे थे। इस बारे में उसने घर वालों को नहीं बताया था। पर, इसके बाद उसने एयरपोर्ट के साथ ही एफबीआई को भी दूसरे नाम से ई-मेल कर धमकी दी थी।
इसके साथ ही एटीएस के आईजी असीम अरुण ने बताया कि युवक ने धमकाया था कि वह बुलेट प्रूफ जैकेट पहनकर एयरपोर्ट पहुंचेगा और एके-47, ग्रेनेड और सुसाइड बेल्ट से लैस होकर सबको उड़ा देगा। वह धमकी देने के लिए इंटरनेट कॉल करता था।
हालांकि डीजीपी ने बताया कि युवक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। लेकिन उसके भविष्य के मद्देनजर हुए रहम दिली दिखाते हुए उसे चेतावनी देकर निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया है। हालांकि उसके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जाएगी।
इस घटना को देखते डीजीपी और एटीएस ने इस घटना से अभिभावकों को सबक लेने की बात कही है। उन्होंने इसके लिए कई नसीहते भी दी है। साथ ही कहा कि बच्चों को अकेले कम्प्यूटर व स्मार्ट फोन का इस्तेमाल न करने दें, स्क्रीन को छिपा कर इस्तेमाल न करने दे।
इसके अलावा ई-कॉमर्स, बैंक ट्रांजक्शन खुद ही करें, इसे बच्चों को न करने दे और यदि कोई गलती हो जाये तो बच्चों को सिखाएं और कहे कि कुछ गलत हो जाए तो बच्चे अपनी उस गलती को उन्हें पूरी ईमानदारी से बताएं।