दीवाली के लिए लोग पहले से ही तैयारियां करनी शुरू कर देते हैं। घरों में सफेदी,डैकोरेशन और लाइटनिंग का खास ख्याल रखा जाता है। दीवाली सेलिब्रेट करने के चक्कर में लोग जाने-अनजाने में पर्यावरण को इतना नुकसान पहुंचा देते हैं कि जिसके बारे में शायद ही अंदाजा लगा सके। जी हां, सजावट के सामान से लेकर, दिवाली में जलाए जाने वाले पटाखे भी कुदरत के लिए नुकसानदेह साबित होते हैं। एेसे में इस बार इको-फ्रैंडली दीवाली मनाएं।
1. दीवाली रोशनी का त्योहार है। लोग इस दिन घरों, ऑफिस और धार्मिक जगहों पर लड़ियां व मोमबत्ती जलाते हैं। इस बार मोमबत्ती की जगह दीए जलाएं। दरअसल, मिट्टी के बने दिए बायोडिग्रेडेबल होते हैं, जिससे पर्यावरण को भी कोई नुकसान नहीं होता।
2. दीवाली के दिन लोग अपने घर को अच्छे से सजाते हैं। इसके लिए लोग प्लास्टिक के फूल का इस्तेमाल करते हैं। प्लास्टिक की जगह फूलों की माला से डेकोरेशन करें।
3. फेस्टिवल पर लोग अपनी रिश्तेदार और करीबी दोस्तों को गिफ्ट्स देते हैं और इन्हें पैक करने के लिए प्लास्टिक पेपर का इस्तेमाल करते हैं। प्लास्टिक पेपर की बजाय जूट बैग का यूज करें।
4. पटाखे पर्यावरण को दूषित करते है। बच्चों और मित्रों को दीवाली पर पटाखे न जलाने के लिए कहें। इस बार इको फ्रेंडली पटाखों से दीवाली सेलिब्रेट करें। इनसे आवाज और धुआं भी कम निकलता है।
5. इस बार गरीबों और जरूरतमंदों के साथ समय बिताएं। उन्हें गिफ्ट्स के तौर पर मिठाई, कपड़े और बाकी जरूरत का सामान दें।
6. गुब्बारों से भी आप दीवाली सेलिब्रेशन में चार चांद लगा सकते है। बड़े-बड़े गुब्बारे में रंग-बिरंगे ग्लिटर और कलर पेपर भर लें। फिर इन्हें किसी जगह बांधकर उन्हें दीया या माचिस से फोड़ सकते हैं।
7. दीवाली की शॉपिंग जैसे दीया, केलेंडर, रंगोली के रंग आदि सड़कों के किनारे बैठे गरीब लोगों से खरीदें। इससे दीवाली भी रौशन हो जाएगी।