लखनऊ। प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में उस वक्त हड़कम्प मच गया जब चौकाघाट के पास शनिवार दोपहर गंगा प्रदूषण की पाइप लाइन में कार्य करने के लिए नीचे उतरे तीन मजदूर पानी के बहाव में बह गए। शोरगुल होने पर वहां मौजूद लोगों ने एक को किसी तरह बचाया लेकिन दो पानी की प्रवाह के साथ पाइप के और अंदर चले गए। जब तक उन्हें बाहर निकाला जाता तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।
मिली जानकारी के मुताबिक घटना की सूचना मिलते ही प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया। मामले की जानकारी होने के बाद मौके पर पुलिस पहुंची, लेकिन समुचित व्यवस्था न होने के कारण कोई भी सीवर लाइन में उतर नहीं पाया। अंदर फंसे दो लोगों को एनडीआरएफ की टीम जब तक बाहर निकालती तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी।
वहीं जबकि मौके पर मौजूद एक मजदूर सत्येंद्र पासवान ने बताया कि वह अपने साथी दिनेश पासवान (27) और उसके भतीजे विकास (18) के साथ सीवर लाइन के नीचे उतर कर कुछ काम कर रहा था। हालांकि काम खत्म होने के बाद बाद तीनों सीवर लाइन से बाहर निकल आए थे। इसके बाद गंगा प्रदूषण के लोगों ने फुलवरिया से सीवर लाइन में पानी छोड़ने के बाद मजदूरों को दोबारा नीचे उतरने के लिए बोला।
जिस पर सीवर लाइन में विकास और दिनेश फिर नीचे उतरे। इस दौरान अचानक से पानी की सप्लाई शुरु होने के कारण सीवर लाइन में मौजूद गैस के कारण दोनों अचेत हो गये। जब तक बाहर खड़ा सत्येंद्र जब तक उन्हें बचाने का प्रयास करता तब तक दोनों सीवर लाइन के बहाव में बह गये।
हादसे से मचे हड़कम्प के बीच मौके पर मौजूद प्रोजेक्ट मैनेजर पंकज श्रीवास्तव ने बताया कि तीन मजदूरों को सीवर लाइन के नीचे प्लग तोड़ने के लिए उतारा गया था। हममें से किसी को भी सीवर लाइन में जहरीली गैस होने की जानकारी नहीं थी। सीवर लाइन के अंदर फंसे दो लोगों को एनडीआरएफ की टीम जब तक बाहर निकालती तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी। बता दें कि काशी दौरे पर आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चौका घाट सीवरेज पंपिंग स्टेशन का उद्घाटन करना है।