लखनऊ। अभी कासगंज का बवाल पूरी तरह से शांत नही हो सका था कि इसी मामले पर बरेली के डीएम द्वारा सोशल मीडिया पर डाली गई पोस्ट पर बवाल कुछ इतना तूल पकड़ चुका है कि स्थानीय भाजपा विधायक उनकी शिकायत CM योगी और PM मोदी से करने की बात करते फिर रहे हैं। हालांकि तमाम जानकारों के मुताबिक DM ने काफी हद तक मौजूदा हालातों को बखूबी देख उसके लिहाज से अपनी बात रखने की कोशिश की थी।
वहीं राज्य सरकार ने भी सिंह के बयान को गम्भीरता से लिया है। राज्य सरकार के प्रवक्ता और ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि अधिकारियों को स्थिति ठीक करने में अपनी ऊर्जा लगानी चाहिए। बयानबाजी से बचना चाहिए। सोशल मीडिया के जरिए बयान देना गलत है। स्थिति ठीक करने में सहयोग करें।
दरअसल हुआ कुछ यूं कि डीएम बरेली ने कासगंज में हुए विवाद को लेकर फेसबुक पर लिखा कि “अजब रिवाज बन गया है, मुस्लिम मोहल्लों में जबरदस्ती जुलूस ले जाओ और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाओ। क्यों भाई क्या वे पाकिस्तानी हैं, यही यहां बरेली में खैलम में हुआ था। इसके बाद पथराव हुआ और फिर मुकदमे लिखे गए। ” कासगंज हिंसा पर डीएम आर राघवेंद्र के इसी फेसबुक पोस्ट पर विवाद खड़ा हो गया।
हालांकि, डीएम साहब ने इसपर सफाई देते हुए कहा कि ये मेरे व्यक्तिगत विचार हैं। इन हिंसा की वजहों से हमारे प्रदेश का जो विकास का काम है वो रुक जाता है। इन्हीं सब चीजों की तकलीफों को मैंने फेसबुक पोस्ट में लिखा।
ये पहला मौका नही है कि जब बरेली के डीएम साहब ने ऐसी पोस्ट की है। इससे पहले भी वो अपनी पोस्ट के जरिए मोदी सरकार को निशाने पर ले चुके हैं। लेकिन इस बार उन्होंने जब कासगंज पर विवादित टिप्पणी की तो बवाल खड़ा हो गया। बस इसी बात को लेकर बरेली के बिथरी चैनपुर से विधायक राजेश मिश्रा अब डीएम की शिकायत सीएम योगी और पीएम मोदी से करने की बात कह रहे हैं।
गौरतलब है कि डीएम राघवेंद्र विक्रम सिंह साल 2005 के प्रमोटी आईएसए अधिकारी हैं। वो इससे पहले श्रावस्ती के डीएम रह चुके हैं। बता दें कि डीएम विक्रम सिंह इसी साल अप्रैल में रिटायर भी होने वाले हैं। दरअसल डीएम राघवेंद्र ने ये विवादित पोस्ट 28 जनवरी को रात 10 बजकर 25 मिनट पर लिखी, जिसके बाद विवाद बढ़ने पर डीएम ने अब ये पोस्ट फेसबुक से हटा ली है।