नई दिल्ली। कहा जाता है कि हर तस्वीर के दो पहलू होते हैं ऐसा ही कुछ पुलिस विभाग के कर्मियों के साथ भी है। क्यों कि एक तरफ हममे से अधिकांश लोग उनको लेकर तरह तरह की बातें और उनकी आलोंचनायें करने में कोई कसर नही छोड़ते हैं लेकिन हकीकत में उनके साथ भी तमाम ऐसी दुश्वारियां हैं जिनके चलते उनकी पारिवारिक जिन्दगी अक्सर प्रभावित होती है। दरअसल उनकी ड्यूटी के सख्त होने के साथ टाइमिंग का ज्यादा होना और कई जरूरी और अहम मौकों पर भी उनको छुट्टी न मिल पाना उनके व्यवहार को काफी प्रभावित करता है। इसका ताजा मामला उस वक्त सामने आया जब एक पुलिसकर्मी ने अपनी पत्नी के इलाज के लिए छुट्टी न मिलने से क्षुब्ध होकर अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी। जिससे हड़कम्प सा मच गया है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के जनपद मिर्जापुर अदलहाट थाने में तैनात सिपाही राज बहादुर यादव का इस्तीफा पत्र सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया। इससे पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। हालांकि आनन-फानन में सिपाही को छुट्टी दे दी गई। और उसके आरोप को निराधार बताया जा रहा है।
दरअसल पुलिस अधीक्षक को भेजे अपने पत्र में उसने लिखा कि उसकी पत्नी हृदय रोग से पीड़ित है। उसका इलाज वाराणसी में चल रहा है। जांच के लिए बीच-बीच में चिकित्सक के यहां ले जाना पड़ता है। दीपावली के बाद उसे डाक्टर के यहां जांच के लिए ले जाना था लेकिन छुट्टी नहीं मिली। दीपावली बीत जाने पर प्रभारी निरीक्षक से छुट्टी मांगी तो उन्होंने यह बोलकर छुट्टी देने से इंकार कर दिया कि वह इस बारे में सोच रहे हैं। हर बार यही कहकर छुट्टी देने से मना किया।
इतना ही नही बल्कि आरोप ये भी है कि 19 नवंबर को सिपाही दोबारा छुट्टी मांगने पहुंचा तो प्रभारी निरीक्षक ने उससे कहा कि छुट्टी की जगह इस्तीफा लिखकर दे दो। तुरंत मंजूर करवा दूंगा राज बहादुर यादव ने उसी दिन पुलिस अधीक्षक के नाम पत्र लिखा और घटनाक्रम का ब्यौरा देते हुए इस्तीफा मंजूर करने की पेशकश कर दी। पत्र वायरल होने के बाद उसे 24 नवंबर को छुट्टी दी गई। पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक शालिनी ने कहा कि जिस वक्त सिपाही ने छुट्टी मांगी थी, उस वक्त एसएचओ की ड्यूटी शहर में लगाई गई थी। अगर उसको छुट्टी नहीं मिली तो उसको सीओ एवं एएसपी के यहां शिकायत करनी चाहिए थी। फिलहाल सिपाही को छुट्टी दे दी गई है। वह अवकाश पर है।