लखनऊ। बुलंदशहर हिंसा में मुख्य आरोपी बनाये गए बजरंग दल के नेता योगेश राज फिलहाल एक वीडियो जारी कर दिए अपने बयान के मुताबिक ही निर्दोष साबित होता नजर आ रहा है। क्योंकि एसआईटी और एसटीएफ की अब तक की जांच में बजरंगदल के जिला संयोजक योगेश राज के खिलाफ बुलंदशहर हिंसा के कोई सबूत नहीं पाए गए हैं। सभी वीडियो में वह सिर्फ पुलिस अधिकारियों से बातचीत और भीड़ को शांत करता दिख रहा है।
गौरतलब है कि इन सब तथ्यों को देखते फिलहाल अफसर मान रहे हैं कि योगेश राज भीड़ को उकसाने का दोषी जरूर हो सकता है, लेकिन हिंसा करने जैसे सुबूत उसके खिलाफ नहीं मिले हैं। माना जा रहा है कि ठोस सबूत हासिल नहीं होने की वजह से ही पुलिस अधिकारी उसकी गिरफ्तारी से बच रहे हैं। तीन दिसंबर को गोकशी के बाद बुलंदशहर में हुई हिंसा में योगेश राज को मुख्य आरोपी बनाया गया है। सब इंस्पेक्टर सुरेश चंद की ओर से दर्ज कराए मुकदमे में नामजद 27 लोगों की सूची में योगेश का नाम पहले नंबर पर है।
ज्ञात हो कि मेरठ रेंज आईजी रामकुमार वर्मा के नेतृत्व में एसआईटी हिंसा की जांच कर रही है। वहीं एसटीएफ को नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी में लगाया है। सूत्रों ने बताया, एसआईटी को इस केस में अब तक 50 से ज्यादा वीडियो प्राप्त हुई हैं। किसी भी वीडियो में योगेश राज द्वारा हिंसा करने जैसे सुबूत नहीं पाए गए हैं। सिर्फ चार-पांच वीडियो में वह दिख रहा है। एक वीडियो में स्याना सीओ सत्यप्रकाश शर्मा उसे शांत कर एक तरफ ले जाते हुए दिख रहे हैं।
जबकि योगेश राज दूसरी वीडियो में भीड़ को शांत होने के लिए बोल रहा है। पथराव, आगजनी से जुड़ी किसी भी वीडियो में वह मौजूद नहीं पाया गया है। इन सब चीजों को देखते हुए पुलिस योगेश को गिरफ्तार नहीं कर रही है। हालांकि कहने को उसकी गिरफ्तारी में पूरे मेरठ जोन की पुलिस और एसटीएफ लगी हुई है। सूत्रों का दावा है कि योगेश को जल्द हिंसा के आरोपों से क्लीन चिट दी जा सकती है।