नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के जनपद गाजियाबाद के मुरादनगर में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने पंचायत कर एक ऐसी अहम और बड़ी मिसाल पेश की है जिसको अगर देश भर में बखूबी अमल में लाया जाये तो मौजूदा वक्त में होने वाल कई बवाल और इसी एक बात को लेकर उठने वाले तमाम सवाल खुद-ब-खुद ही खत्म हो जायेंगे। दरअसल पंचायत ने गोकशी करने वाले लोगों के सामाजिक बहिष्कार का फैसला लिया है।
गौरतलब है कि मुरादनगर के रावली रोड चुंगी नंबर तीन पर शनिवार सुबह मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक पंचायत की। पंचायत में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि समाज का कोई व्यक्ति गोकशी करता पकड़ा गया तो उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। समुदाय का कोई भी व्यक्ति उसके परिवार से कोई संबंध नहीं रखेगा।
इस दौरान पंचायत की अध्यक्षता नगर पालिका परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष भूरे चौधरी ने की। उन्होंने कहा कि कुछ लोग गोकशी कर क्षेत्र का माहौल बिगड़ना चाहते हैं, ऐसा किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इतना ही नही बल्कि यहां पर एसएसपी को पत्र लिखकर समाज के लोग गोकशी को बंद कराने की मांग कर चुके हैं, इसके बावजूद कुछ लोग गोकशी करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
वहीं इस बाबत हाजी तौहिद हसन ने कहा कि मुरादनगर हिन्दू मुस्लिम एकता का प्रतीक है, सभी लोग आपस में मिलजुल कर रहते हैं। कुछ असामाजिक लोग गोकशी कर क्षेत्र का माहौल खराब करना चाहते हैं।पंचायत में सर्वसम्मति से फैसला किया गया कि कस्बे और आसपास के गांव में रहने वाला मुस्लिम समाज का कोई भी व्यक्ति गोकशी करते पकड़ा गया या उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई तो उसके परिवार का सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा।
इसके साथ ही ये भी तय किय गया कि बहिष्कार के बाद समुदाय का कोई भी व्यक्ति उससे संबंध नहीं रखेगा। हाजी तौहिद कुरैशी, यूनुस पहलवान, मो. इकबाल, आरिफ कुरैशी, शकील कुरैशी, आफताब कुरैशी, अनीस कुरैशी, महताब आदि लोग मौजूद रहे। ज्ञात हो कि शुक्रवार को नूरगंज कॉलोनी में पुलिस गोकशी के वांछित को पकड़ने गई थी, जहां आरोपी पक्ष के लोगों ने पुलिस टीम पर हमला कर आरोपी को छुड़ा लिया था। वहां से पुलिस को बैरंग अपनी जान बचाकर लौटना पड़ा था। पुलिस टीम पर हुए हमले को देखते शनिवार को मुस्लिम समाज के लोगों ने पंचायत का आयोजन किया।