नई दिल्ली। करतारपुर स्थित दरबार साहिब गुरुद्वारा जानेवाले भारतीय श्रद्धालुओं के लिए पाकिस्तान अथॉरिटिज ने 14 सूत्रीय एजेंडे का प्रस्ताव किया है। सूत्रों ने बताया कि हालांकि इस बारे में अभी तक डॉक्यूमेंट्स भारत के साथ साझा नहीं किया गया है।
इस प्रस्ताव में, पाकिस्तानी मीडिया में लीक हुई खबरों के मुताबिक, इस्लामाबाद ने यह सुझाव दिया है कि गुरुद्वारा आने की योजना बना रहे श्रद्धालुओं की सूची नई दिल्ली को सुरक्षा क्लियरेंस सार्टिफिकेट समेत तीन दिन पहले सूचना देनी होगी।
ऐसा माना जा रहा है कि गुरु नानक ने यहां पर 18 साल अपनी जिंदगी के बिताए थे। पूरे मामले के साथ वाकिफ पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, डॉक्यूमेंट्स का मसौदा तैयार था लेकिन इसकी स्वीकृति नहीं दी गई है, इसलिए इसे भारत के साथ साझा नहीं किया जा सका है।
पाकिस्तान सीमा के उस पार चार किलोमीटर अंदर रावी नदी के किनारे स्थित गुरुद्वारा सिखों के लिए प्रमुख तीर्थस्थल रहा है लेकिन भारतीय श्रद्धालुओं कई दशकों से वहां पर नहीं जा पाए। भारत और पाकिस्तान की तरफ से नवंबर में करतारपुर कॉरिडोर खोलने के समझौते और श्रद्धालुओं के लिए वीजा फ्री एंट्री के बाद ऐसा माना जा रहा है कि वहां पर जाना आसान हो जाएगा।
पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने नवंबर में करतारपुर कॉरिडोर की आधारशिला रखी थी, जहां पर प्रवेश परमिट आधारित होगा और पासपोर्ट अनिवार्य होगा।