नई दिल्ली! लोकसभा चुनावों में 100 दिन से भी कम का वक्त बचा है. अगर क्रिकेट की भाषा में कहें तो मोदी सरकार मैच के आखिरी ओवर्स खेल रही है और केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद कह चुके हैं कि आखिरी ओवर में आतिशी पारी खेली जाती है. पहले मोदी सरकार ने गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने का बड़ा फैसला लिया है, फिर जीएसटी में छूट का फैसला कर कारोबारियों को बड़ी राहत का तोहफा दिया. कार्यकाल के आखिरी दिनों में लिए गए मोदी सरकार के इन फैसलों को सीधे चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्या नरेंद्र मोदी 2019 से पहले कुछ और गेमचेंजर कदम उठाने वाले हैं.
मोदी सरकार का अंतिम बजट अगले महीने आने वाला है. माना जा रहा है कि इस बजट में सरकार मध्य वर्ग के लिए कुछ बड़े ऐलान कर सकती है. इनमें सबसे बड़ा कदम मिडिल क्लास को आसानी से घर उपलब्ध कराना है. बताया जा रहा है कि होम लोन पर सरकार राहत दे सकती है. इसके अलावा मोदी सरकार कांग्रेस की किसानों की कर्जमाफी की काट के लिए किसानों को राहत के नए विकल्प पर विचार कर रही है. यानि पहले 10 फीसदी सवर्ण आरक्षण, फिर जीएसटी में राहत और सूत्रों के मुताबिक कर्ज़माफी के विकल्प पर विचार. कुल मिलाकर चुनाव से पहले तोहफों की बरसात.
आरक्षण के बाद दूसरा तोहफा तोहफा मोदी सरकार की तरफ GST में छूट का दिया गया. 2019 की पहली जीएसटी की बैठक हुई. इसमें वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की 32वीं बैठक में कारोबारियों और आम जनता के लिए कई बड़े फैसले लिए गए.
जीएसटी काउंसिल ने जीएसटी के दायरे को बढ़ा दिया. पहले 20 लाख रुपये तक टर्नओवर वाले कारोबारी जीएसटी के दायरे में आते थे, लेकिन अब 40 लाख रुपये टर्नओवर वाले जीएसटी के दायरे में आएंगे. वहीं छोटे राज्यों में जो लिमिट 10 लाख थी, वो लिमिट 20 लाख रुपये कर दी गई है. इस कारण कई छोटे कारोबारी जीएसटी के दायरे से बाहर हो जाएंगे. इन छोटे कारोबारियों को जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं होगी. इसके अलावा कंपोजिशन स्कीम की सीमा को 1.5 करोड़ रुपये कर दी गई है, अभी तक ये सीमा 1 करोड़ रुपये थी. सर्विस सेक्टर यूनिट को भी कंपोजिशन स्कीम के दायरे में लाया गया. ये नई सीमा 1 अप्रैल 2019 से लागू होगी.
इधर जीएसटी का तोहफा उधर सवर्ण आरक्षण पर मुहर. दावा किया जा रहा है कि ये सबका साथ, साथ विकास है, लेकिन टाइमिंग ऐसी है कि इसे चुनाव तोहफे से जोड़ कर ही देखा जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक मोदी सरकार जल्द ही कांग्रेस पर बढ़त बनाने और करीब 26.3 करोड़ ग्रामीण किसानों को फायदा पहुंचाने के लिए बड़ी कर्जमाफी का भी ऐलान कर सकती है. केंद्र सरकार 2019 के चुनाव से पहले चार लाख करोड़ रुपये का किसान कृषि ऋण माफ करने की योजना पर काम कर रही है.
बजट का तोहफा बाकी
– अपने आखिरी और अंतरिम बजट में कई तोहफे दे सकती है सरकार
– बजट में सरकार मिडिल क्लास के लिए कुछ बड़े ऐलान कर सकती है
– सबसे बड़ा कदम मिडिल क्लास को आसानी से घर उपलब्ध कराना है
– बजट के जरिए सरकार होम लोन के रेट कम कर सकती है
– मिडिल क्लास के लिए इनकम टैक्स छूट बढ़ाई जा सकती है
– इनकम टैक्स छूट की सीमा को दोगुना कर पांच लाख रुपए किया जा सकता है
– नौकरीपेशा वर्ग के लिए टैक्स सेविंग लिमिट को बढ़ाया जा सकता है