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चुनावी साल में सरकार दे सकती है मिडिल क्लास को कई बड़ी और अहम राहत

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नई दिल्ली। केन्द्र की मोदी सरकार चुनावी साल को देखते अब तमाम लोक लुभावने फैसले लेने में लगी है ताकि कैसे भी खासकर आमजन को अपने पाले में खींचा जा सके। जिसकी बानगी है कि छोटे कारोबारियों को जीएसटी में राहत दी गई वहीं अगर सूत्रों की मानें तो जल्द ही मोदी सरकार देश के मध्यम वर्ग को लेकर कई लुभावने ओर राहत पहुंचाने वाले फैसले कर सकती है।

गौरतलब है कि जनवरी माह के अंत में 31 जनवरी से संसद का बजट सत्र शुरू हो रहा है जो 13 फरवरी तक चलेगा। सरकार 1 फरवरी को संसद में अंतरिम बजट पेश करेगी। क्योंकि ये साल चुनावी साल है जिसके चलते केंद्र की मोदी सरकार अपने अंतरिम बजट में मध्यवर्ग को लुभाने के लिए कवायदों में जोर-शोर से जुटी है।

अगर सूत्रों की मोनें तो उनके मुताबिक केंद्र सरकार अपने अंतरिम बजट में आम लोगों के साथ-साथ वेतनभोगियों को बड़ी राहत दे सकती है। आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर दोगुनी हो सकती है। सरकार मौजूदा आयकर की सीमा को 2.5 लाख रुपये से बढ़कर 5 लाख रुपये कर सकती है। जबकि मेडिकल खर्चों और परिवहन भत्ते को फिर बहाल किया जा सकता है।

जानकारी के मुताबिक अंतरिम बजट होने की वजह से सरकार इसमें कुछ ज्यादा नहीं कर सकती, लेकिन मोदी सरकार की मंशा है इस बजट आम लोगों को हर मुमकिन राहत देने की है। सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक सरकार ने टैक्स स्लैब को सुव्यवस्थित करने की योजना बनाई गई है, जो डायरेक्ट टैक्स कोड के अनुरूप हो।

ऐसा भी माना जा रहा है कि सरकार द्वारा डायरेक्ट टैक्स कोड के दायरे में ज्यादा-से-ज्यादा टैक्स असेसी को टैक्स के दायरे में लाने की कोशिश की जाएगी, ताकि अलग-अलग वर्गों के करदाताओं के लिए अधिक न्यायसंगत प्रणाली बनाई जाए, कॉर्पोरेट टैक्स में कमी की जाए और व्यवसायों को प्रतिस्पर्धी बनाई जाए।

ज्ञात हो कि फिलहाल आम लोगों को 2.5 लाख रुपये तक की आय टैक्स से छूट प्राप्त है, जबकि 2.5-5 लाख रुपये के बीच की सालाना आय पर 5 फीसदी कर लगता है, वहीं 5-10 लाख रुपये की सालाना आय पर 20 फीसदी और 10 लाख रुपये से अधिक की सालाना आय पर 30 फीसदी कर लगता है।

हालांकि, 80 साल के अधिक की उम्र के नागरिकों को 5 लाख रुपये सालाना की आय पर कर छूट प्राप्त है। इसके अलावा पिछले साल 5 लाख रुपये की आय वालों के लिए सालाना 15 हजार रुपये तक के मेडिकल खर्चों और 19,200 रुपये तक के परिवहन भत्तों को हटाकर उसकी जगह 40 हजार रुपये की मानक कटौती लाया था। इसे भी वापस बहाल किया जा सकता है।

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