नई दिल्ली। अक्सर अपनी ही पार्टी भाजपा और उसके अलम्बरदारों को आइना दिखाने में कोई कसर नही छोड़ने वाले सांसद शत्रुध्न सिन्हा ने आज एक बार फिर कहा कि बीजेपी में पहले लोकशाही थी और अब ‘तानाशाही’ है। वहीं इसके साथ ही एक बेहद अहम और बड़ी बात कही कहा कि वो तो हमेशा से ही नेहरू गांधी खानदान के प्रशंसक रहे हैं। जिसको लेकर सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म हो चला है।
गौरतलब है कि निजी समाचार चैनल के कार्यक्रम में शत्रुध्न सिन्हा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तारीफ करते हुए कहा कि राहुल में बहुत कम समय में जो परिपक्वता आई है, उसे अन्य पार्टी के अध्यक्षों को भी सीखना चाहिए। उन्होंने कहा, मैं शुरू से ही गांधी परिवार का ‘फैन’ रहा हूं. मैं जवाहरलाल नेहरू से लेकर सोनिया गांधी तक का प्रशंसक रहा हूं और अब राहुल का भी प्रशंसक हूं।
इसके साथ ही उन्होंने शत्रुघ्न सिन्हा ने एक बार फिर अपनी पार्टी के खिलाफ बगावती तेवर अपनाते हुए कहा कि बीजेपी में पहले लोकशाही थी और अब ‘तानाशाही’ है। अगला लोकसभा चुनाव उत्तर प्रदेश के वाराणसी क्षेत्र से लड़ने का संकेत देते हुए उन्होंने कहा, सिचुएशन’ चाहे जो भी हो, लोकेशन यही होगा। जबकि शत्रुघ्न सिन्हा ने बीजेपी को अपनी पार्टी बताते हुए कहा कि उन्होंने कभी पार्टी के खिलाफ नहीं बोला, अब भी पार्टी के खिलाफ नहीं बोल रहे हैं, बल्कि पार्टी को आइना दिखा रहे हैं।
वहीं उन्होंने कहा, सच बोलता रहा हूं और बोलता रहूंगा. बीजेपी में वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को पार्टी में उचित सम्मान न मिलने पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी में आज ‘वन मैन शो, टू मैन आर्मी’ चल रही है। उन्होंने बीजेपी पर व्यक्तिवाद चलने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह पार्टी अब पहले वाली नहीं रही। उन्होंने एक सवाल के जवाब में नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा, मंत्री बनाना प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है, मगर क्या किसी टेलीविजन नायिका को सीधे मानव संसाधन विकास मंत्रालय की जिम्मेवारी देना कहां तक उचित है?