नई दिल्ली। भारतीय रेल जहां एक ओर जब-तब होते हादसों के चलते पस्त है वहीं उसके यात्री इन हादसों के चलते बेहद त्रस्त हैं। इसी क्रम में एक बेहद ही खौफनाक और दर्दनाक हादसा उस वक्त यात्रियों के सामने आया जब आज सुबह साढ़े तीन बजे अतिसुरक्षित श्रेणी में आने वाली दूरंतो एक्सप्रेस के एसी कोच में दिल्ली स्टेशन के पास ही बेखौफ लुटेरे जमकर लूटपाट करते हुए यात्रियों का न सिर्फ कीमती सामान ले गए बल्कि हद की बात है कि लुटेरों ने यात्रियों के चश्मे तक नही छोड़े और वो उन्हे भी लूट ले गए। इस हादसे के शिकार हुए एक यात्री ने अपनी आपबीती रेलवे के शिकायती पोर्टल पर डाली है, जिसे पढ़कर रेलवे की सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं।
गौरतलब है कि जम्मू से दिल्ली जाने वाली ट्रेन में यात्रा कर रहे अश्विनी कुमार नामक एक यात्री द्वारा इस बारे में सबसे पहले रेलवे के शिकायत पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराने के बाद यह मामला सामने आया। अश्विनी कुमार ने अपनी शिकायत में कहा, “ हाथों में तेज धार वाले चाकू लेकर करीब 7 से 10 अज्ञात बदमाश ट्रेन के कोच बी 3 और बी 7 में घुस आए। उन्होंने यात्रियों के गले के पास चाकू रख दिया और कहा कि वो अपने साथ जो भी महंगी वस्तुएं ले जा रहे हैं उन्हें सौंप दें। यह लूटपाट करीब 10-15 मिनट तक चली।” यह पूरा हादसा 10-15 मिनट के बीच हुआ, जब ट्रेन रुकी हुई थी।
इसके साथ ही कुमार ने कहा कि लुटेरों ने कई यात्रियों से पर्स, नकदी, कैरी बैग, सोने की चेन, मोबाइल और कई अन्य सामान छीन लिए। उन्होंने कहा कि विडंबना यह रही कि न तो कर्मचारी और ना ही कोई सुरक्षाकर्मी वहां मौजूद था। हमने ट्रेन अटेंडेंट और टीटी तक पहुंचने की कोशिश की। जो 20 मिनट बाद मिले। अटेंडेंट अपनी जगह पर मौजूद नहीं था और ट्रेन में ही कहीं सो रहा था। हमने 100 नंबर पर फोन किया और जब ट्रेन अपने गंतव्य पर पहुंची तो दिल्ली पुलिस उस स्टेशन पर पहुंची हुई थी। उन्होंने घटना की एफआईआर दर्ज की।
वहीं इस बाबत जानकारी देते हुए रेलवे के एक अधिकारी के मुताबिक, सराय रोहिला स्टेशन पर पहुंचने से पहले ट्रेन कुछ सिग्नल की समस्या के कारण रुकी थी। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) ने एक बयान में कहा है कि सिग्नल के साथ छेड़छाड़ की गई इसके साथ ही अपनी सफाई देते हुए आरपीएफ ने कहा कि उनके कर्मचारी ट्रेन के ही दूसरे कोचों में मौजूद थे। बयान में कहा गया है कि हम यात्रियों से जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं, संदिग्धों के स्केच बना रहे हैं और इसमें शामिल गिरोह की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं।
हालांकि उत्तर रेलवे के जनसंपर्क कार्यालय ने कहा कि आरपीएफ के पास मामले में शुरुआती सुराग हैं और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। लेकिन एक अहम सवाल है कि आखिर घटना के लिए कौन जिम्मेदार है? हम ट्रेन की सुविधाओं के लिए ज्यादा पैसे देते हैं और क्या यही वो सुविधाएं हैं जो हमें पैसे के बदले मिल रही हैं। क्या रेलवे किसी हादसे का इंतजार कर रही है जिसके बाद ट्रेनों में सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। हम एसी कोच में सुरक्षित नहीं तो कल्पना कीजिए कि स्लीपर कोच और जनरल क्लास की सिक्योरिटी का क्या आलम होगा, जहां लोग बिना टिकट के भी यात्रा कर लेते हैं।