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भीड़ हिंसा का एक और खौफनाक मामला सामने आया, भीड़ ने पीट कर DSP को मरणासन्न हालत में पहुंचाया

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नई दिल्ली। देश में भीड़ हिंसा मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर सरकार की तमाम सख्ती के बावजूद हाल फिलहाल पूरी तरह से लगाम लगता नजर नही आ रहा है। इसी क्रम में अब बिहार में भीड़ हिंसा का बेहद ही खौफनाक और दर्दनाक मामला सामने आया है। जहां एक दलित छात्रा की दुष्‍कर्म व हत्‍या से गुस्साए लोगों ने मोहनियां के डीएसपी रघुनाथ सिंह को पीट-पीटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। डीएसपी रघुनाथ सिंह बवाल कर रही भीड़ को समझाने के लिए गए थे। इस दौरान डीएसपी की सुरक्षा में तैनात अंगरक्षक उनको छोड़कर भाग खड़े हुए।

गौरतलब है कि बीते दिनों कैमूर जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र के एक गांव में दलित समुदाय की एक छात्रा की दुष्‍कर्म के बाद हत्‍या का आरोप लगाया गया है। ग्रामीणों के अनुसार छात्रा से दुष्‍कर्म कर उसे मोहनिया रेल ट्रैक पर मरने के लिए फेंक दिया गया था। बाद में उसकी मौत इलाज के दौरान हो गई। छात्रा की मौत के बाद ग्रामीण उत्तेजित हो गए। उन्‍होंने शव के साथ सड़क जाम कर दिया तथा बाजार बंद कराते हुए जमकर पथराव किया। ग्रामीणों ने रामगढ़ थाने का भी घेराव किया। घटना के दौरान उत्‍तेजित भीड़ ने थाने पर भी हमला कर दिया।

इसी दौरान भीड़ ने थाने को आग के हवाले कर दिया तथा कई थाने की चार गाडि़यां भी फूंक दीं। डीएसपी को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया, जिसका वीडियो अब वायरल हो गया है। वीडियो में डीएसपी रघुनाथ सिंह रहम की गुहार लगाते दिख रहे हैं, लेकिन भीड़ उनपर लाठियों की बरसात कर रही है। घटना में उन्‍हें सिर व हाथ गंभीर चोटें आईं हैं। उनका हाथ भी टूट गया है। घायल डीएसपी का इलाज बनारस में चल रहा है। घटना के दौरान डीएसपी सहित एक सब इंस्पेक्टर व आधा दर्जन पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे।

इस बीच उपद्रव के दौरान घायल डीएसपी रघुनाथ प्रसाद सिंह के इलाज को लेकर बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश कुमार दुबे ने जोनल आइजी नैय्यर हसनैन खान से मुलाकात की है। आइजी ने इलाज पूरा होने तक एक सब इंस्पेक्टर और एक सिपाही को डीएसपी के साथ प्रतिनियुक्त करने का आदेश दिया है। वे बेहतर इलाज सुनिश्चित कराएंगे। इलाज का खर्च पुलिस महकमा वहन करेगा।

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