नई दिल्ली! आज शेयर बाजार में उस समय हड़कंप मच गया जब खोजी पत्रकारिता एवं स्टिंग ऑपरेशन के लिए मशहूर एक वेबसाइट ने DHFL कंपनी को लेकर कथित खुलासा कर दिया. इस कथित खुलासे के तहत कंपनी के प्रमोटरों पर 31 हजार करोड़ रुपये के कथित फर्जीवाड़े के आरोप लगे. जैसे ही ये रिपोर्ट सोशल मीडिया पर फैली शेयर बाजार में डीएचएफएल कंपनी के शेयरों में गिरावट आनी शुरू हो गई. कंपनी के शेयर 11 प्रतिशत गिर गए और इससे कंपनी को करोड़ों के नुकसान की खबर है. मीडिया रिपोर्ट की मानें तो कंपनी के प्राथमिक प्रमोटरों व उनकी सहायक कंपनियों ने मिलकर इस फर्जीवाड़े को अंजाम देकर लोगों के 31 हजार करोड़ रुपये डकारे हैं. घोटाला मुखौटा कंपनियों को सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड लोन के रूप में भारी-भरकम रकम देकर किया गया है. ये कंपनियां DHFL के अपने प्राथमिक हिस्सेदारों के हैं.
BSE पर मंगलवार को कंपनी का स्टॉक 11 फीसदी की गिरावट के साथ 164.50 रुपये के निचले स्तर पर पहुंच गया. बाद में, कंपनी का शेयर थोड़ा ऊपर उठा और 8.1 फीसदी की गिरावट के साथ 170.05 रुपये पर बंद हुआ. मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि डीएचएफएल ने शेल कंपनियों को बड़ी मात्रा में लोन दिए. शेल कंपनियों को लोन देकर कंपनी ने उनकी वसूली को मुश्किल बना दिया क्योंकि इन कंपनियों और निदेशकों के पास कोई संपत्ति नहीं थी. मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि डीएचएफएल ने बीजेपी के दिए 20 करोड़ के चंदे को भी कम करके घोषित किया. दावे के मुताबिक वित्त वर्ष 2014-15 और 2016-17 में कंपनी ने सत्तारूढ़ बीजेपी को 19.5 करोड़ का चंदा दिया.