नई दिल्ली। देश के बेहद ही अहम लोकसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ ही एक बार फिर से इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन ईवीएम में कथित छेड़छाड़ को लेकर न सिर्फ तमाम विपक्षी दल गंभीर हैं बल्कि आज लामबंद होकर बखूबी इस विषय पर चिन्तन मनन करने में जुटे हैं। जिसके तहत शुक्रवार को कांग्रेस समेत कई अन्य विपक्षी दलों के शीर्ष नेताओं ने इस मुद्दे पर चर्चा करने और इस पर भविष्य की रणनीति तैयार करने के मकसद से बैठक की।
गौरतलब है कि तमाम विपक्षी दलों के नेताओं ने ईवीएम के साथ कथित छेड़छाड़ के मुद्दे पर साझा रणनीति बनाने की पैरवी की है, हालांकि कुछ दलों का कहना है कि चुनाव आयोग को मत पत्र की पुरानी व्यवस्था की ओर लौटना चाहिए। वहीं इस बैठक में शामिल राहुल गांधी ने कहा कि सोमवार शाम 5.30 बजे हम (विपक्षी नेता) ईवीएम मुद्दे को लेकर चुनाव आयोग के पास जाएंगे और अपनी राय तथा मांग उनके समक्ष रखेंगे।
बताया जाता है कि इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस के मुखिया शरद पवार, तेलुगु देसम पार्टी (तेदेपा) के एन चंद्रबाबू नायडू, समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन, नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला, बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा, द्रमुक की कनिमोई, भाकपा के डी राजा, माकपा के मोहम्मद सलीम एवं के टीके रंगराजन, राजद के मनोज झा, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह और राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी शामिल हुए।
इनके अलावा, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन, झारखंड मुक्ति मोर्चा के अशोक कुमार सिंह, हम के जीतन राम मांझी और टीजेएस के प्रोफेसर कोडांदरम भी इस बैठक में पहुंचे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे और एके एंटनी भी इस बैठक में शामिल हुए। गौरतलब है कि कांग्रेस ने कई बार यह मांग उठाई है कि आगामी लोकसभा चुनाव में ईवीएम के उपयोग के साथ ही वीवीपैट की 50 फीसदी पर्चियों के मिलान की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।