नई दिल्ली! केंद्र सरकार के नियमों की अवहेलना कर विदेशों से भारी मात्रा में चंदा लेने वाले गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) के खिलाफ केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कड़ा रुख अख्तियार किया है. गृह मंत्रालय ने सरकार की चेतावनी को नजरअंदाज कर चंदा लेने वाले 302 एनजीओ की मान्यता रद्द कर दी है. इसके अलावा, 72 एनजीओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. वहीं, कई एनजीओ के खिलाफ सरकार ने वित्तीय जांच भी बैठा दी है. जानकारी के मुताबिक, ये एनजीओ उत्तर-पूर्व के राज्यों में चल रहे हैं. जांच एजेंसी को शक है कि ये संगठन कथित तौर पर दूसरे मुल्कों से एनजीओ के नाम पर पैसा लेकर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में उसका इस्तेमाल कर रहे हैं.
बता दें कि पिछले कुछ सालों से कई एनजीओ जो कि विदेशों से फंड ले रहे हैं, उसका कथित तौर पर गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. जांच में सामने आया था कि कुछ एनजीओ को मिले विदेशी पैसे से राष्ट्र विरोधी गतिविधियां संचालित की जा रही हैं. ऐसे कई मामले जम्मू-कश्मीर में भी सामने आए थे.
उत्तर पूर्व के राज्यों में भी ऐसे एनजीओ देखे गए, जिनका सीधा संबंध गैर-कानूनी कार्यों को अंजाम देने वाले संगठनों के साथ रहा है. इन सबके चलते केंद्र सरकार ने विदेशी अभिदाय विनिमय अधिनियम नियम 2011 के नियम 17 (1) के तहत सभी संगठनों और गैर-सरकारी संगठनों जो एफसीआरआर 2010 के तहत पंजीकृत हैं या उन्हें इस अधिनियम के तहत विदेशी चंदा लेने की अनुमति प्रदान की जाती है, की जांच कराई थी.
खुफिया जांच एजेंसी का अलर्ट भी कुछ ऐसा ही था कि सामाजिक एवं शैक्षिक संगठन की आड़ में कई एनजीओ विदेशी चंदे का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. इसके बाद सरकार ने जब इनके दस्तावेज मांगे तो कई संगठन खुद-ब-खुद शक के दायरे में आ गए. जो जानकारी मांगी गई, वह नहीं मिली. यहां तक कि दर्जनों संस्थान तो ऐसे मिले हैं, जिन्होंने सरकार के किसी भी पत्र का जवाब देना उचित नहीं समझा.
नियम है कि इन संगठनों को विदेशी चंदे का सारा रिकॉर्ड सरकार को देना होता है. इसमें प्रत्येक वित्त वर्ष के लिए वार्षिक रिटर्न, आय-व्यय के विवरण, प्राप्तियों, भुगतान का लेखा व बैलेंस शीट इत्यादि प्रस्तुत करना जरूरी है. अनिवार्य वार्षिक रिटर्न प्रस्तुत न करना एफसीआरए 2010 और एफसीआरए 2011 के प्रावधानों का उल्लंघन है.
एफसीआरए 2010 की धारा 14 के अनुसार, यदि कोई एनजीओ नियमों के तहत विदेशी चंदे की जानकारी छिपाता है तो उसकी मान्यता रद्द हो सकती है. पिछले तीन साल में करीब पांच हजार एनजीओ के एफसीआरए पंजीकरण रद्द कर दिए गए हैं. असम में 23 एनजीओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. इसके अलावा मणिपुर, नागालैंड, त्रिपुरा, मिजोरम व अरुणाचल प्रदेश में 49 संगठनों को यह नोटिस भेजा गया है.