श्रीनगर! कश्मीर के पुलवामा में आतंकी अपने मंसूबों में कामयाब हो गए. उरी के बाद ये पहला बड़ा हमला हुआ है. जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला किया गया है. मिली जानकारी के अनुसार, एक कार में बम रखा गया था और जैसे ही सीआरपीएफ का काफिला उसके नजदीक से गुजरा कार को रिमोट से उड़ा दिया गया. इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली है. एक न्यूज एजेंसी से अभी तक मिली जानकारी के अनुसार, इस हमले में 30 जवान शहीद हो गए हैं, जबकि 46 से ज्यादा घायल हैं.
घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बताया जा रहा है कि काफिले में सीआरपीएफ की करीब दर्जनभर गाड़ियों में 2500 से अधिक जवान सवार थे. आतंकियों ने सुरक्षाबलों की दो गाड़ियों को निशाना बनाया है. उरी के बाद यह बड़ा आतंकी हमला है, उस हमले में 19 जवान शहीद हुए थे.
जानकारी मिली है कि दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में आने वाले लेतपोरा इलाके में यह घटना हुई है. जिस समय सीआरपीएफ की गाड़ी श्रीनगर-जम्मू नेशनल हाइवे से अवंतिपोरा की तरफ जा रही थी तभी वह आतंकियों की इस हमले को अंजाम दिया गया.
हमले के बाद सेना के जवानों ने इलाके को घेर लिया गया. सीआरपीएफ के सूत्रों का कहना है कि सड़क पर एक चार पहिया वाहन में IED लगाया गया था. आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि इस फिदायीन हमले को अंदाम अलीद अहमद डार उर्फ वकास ने दिया है, वह पुलवामा के गुंडई बाग का रहने वाला है.
सुरक्षा एजेंसियों ने जारी किया था अलर्ट
अफजल गुरू की बरसी यानि 8 फरवरी को ख़ुफ़िया एजेंसियों ने बड़ा अलर्ट जारी किया था, जिसमें IED प्लांट का अलर्ट था. इस अलर्ट में कहा गया था कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी सुरक्षा बलों के डिप्लॉयमेन्ट और उनके आने जाने के रास्ते पर IED से हमला कर सकते हैं. सुरक्षा बलों को अलर्ट करते हुए ख़ुफ़िया एजेंसियों ने कहा था कि एरिया को बिना सेंसिटाइज किए उस एरिया में ड्यूटी पर न जाएं.