- आतंकवादियों की जड़ें पूर्वांचल से लेकर खासकर पश्चिमांचल तक बखूबी जमीं
- हालांकि अब आतंकवादियों की उन जड़ों को बड़ी ही तेजी से खोदा जाना जारी है
- वसीम रिजवी की मदरसों को लेकर कही गई बातें काफी हद तक सामने भी आ रही
- हद ये है कि शाहनवाज लंबे समय से देवबंद में बिना एडमिशन के पढ़ाई करता था
- एक आतंकी ने तो यहां से नवाज अहमद तेली के नाम से आधार कार्ड भी बनवाया
नई दिल्ली। पिछले काफी समय से देश का सबसे अहम सूबा उत्तर प्रदेश आतंकवादियों और उनके स्लीपिंग मॉड्यूल्स के लिए बेहद ही सुरक्षित पनाहगाह बन गया। जिसकी बानगी है कि उनकी जड़ें पूर्वांचल से लेकर खासकर पश्चिमांचल तक बखूबी जम चुकी हैं। हालांकि अब बड़ी ही तेजी से उन जड़ों का खोदा जाना जारी है। इसी क्रम में आज यूपी एटीएस ने सहारनपुर जिले से जैश के दो आतंकी गिरफ्तार किए हैं। सबसे अहम बात है कि इस गिरफ्तारी से एक बार फिर शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी की मदरसों को लेकर कही गई बातें काफी हद तक सामने भी आ रही हैं। क्योंकि इन आतंकियों में से एक तो बिना एडमीशन के ही देवबंद से पढ़ाई कर रहा था। जोकि बेहद ही संगीन मामला है।
गौरतलब है कि आज पकड़े गए दोनों आतंकी शाहनवाज अहमद तेली और आकिब मलिक जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं। दोनों के पास से एक- एक पिस्टल और कुछ कारतूस भी बरामद किए गए है। वहीं दोनों के मोबाइल फोन से जिहादी चैट, वीडियो और कुछ फोटो प्राप्त हुए हैं। फिलहाल टीम मोबाइल के चैट बॉक्स और वीडियो को खंगाल रही है। मिली जानकारी के मुताबिक बताया जा रहा है कि गिरफ्तार दोनों आतंकियों को सहारनपुर पुलिस लाइन से कोर्ट में पेश किया गया। वहां से दोनों आतंकियों को दो दिन की ट्रांजिट रिमांड पर लखनऊ भेजा गया। एटीएस की टीम दोनों आतंकियों को लेकर लखनऊ के लिए रवाना हो गई है।
वहीं प्रदेश की राजधानी लखनऊ में इस बाबत डीजीपी ने प्रेस कॉन्प्रेंस में बताया कि कल मिली जानकारी के आधार पर दो संदिग्ध आतंकियों को सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया। दोनों जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन से जुड़े हुए हैं और यह दोनों कश्मीर के रहने वाले हैं। शहनवाज, कुलगम का और आकिब पुलवामा का निवासी है। इनके पास से हथियार और कारतूस बरामद हुए हैं। दोनों 30 से 32 साल के हैं। इसमें शाहनवाज ग्रेनेड बनाने का एक्सपर्ट बताया गया। डीजीपी ने कहा कि हम इसकी जांच कर रहे हैं कि यह दोनों कश्मीर से कब आए, इनको पैसे कहां से मिले और इनका लक्ष्य क्या था। इसके लिए हम जम्मू कश्मीर की पुलिस से बात कर रहे हैं।
दोनों आतंकी जैश-ए-मोहम्मद के इशारे पर आतंकियों की भर्ती कराते थे। बेहद ही गंभीर और हद की बात ये है कि शाहनवाज लंबे समय से देवबंद में बिना एडमिशन के पढ़ाई कर रहा था। लेकिन इसका नाम मदरसे के आधिकारिक रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है। आतंकी ने यहां से आधार कार्ड भी बनवा लिया था, इसमें उसका नाम नवाज अहमद तेली था। वहीं, उसके साथ में पढ़ने वाले छात्र ने बताया कि उन्हें नहीं पता कि वो ऐसी गतिविधियों में शामिल रहा है। इस्लामिक स्टडी के बड़े सेंटर के रूप में विख्यात सहारनपुर के देवबंद में यूपी एटीएस के इस छापा से खलबली मची है। सहारनपुर के देवबंद से यह पहली दफा किसी आतंकी को गिरफ्तार नहीं किया गया। इससे पहले भी कई आतंकवादियों को यहां से दबोचा है।
ज्ञात हो कि पश्चिमी यूपी में एटीएस का बड़ा ऑपरेशन जारी है। इलेक्ट्रानिक सर्विलांस के जरिए इन पर नजर रखी गई। इसके बाद इनपर शिकंजा कसा गया। एटीएस की टीम ने गुरुवार देर रात देवबंद के मोहल्ला खानकाह के निकट नाज मंजिल में छापेमारी की। जहां से दुकानदार समेत दो कश्मीरी छात्र और पांच ओडिशा के छात्रों को हिरासत में लिया था। जबकि वहीं आरोपी शाहनवाज की निशानदेही पर देवबंद सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और मेरठ समेत कई जनपदों में एटीएस ने छापेमारी शुरू कर दी है। कई संदिग्धों को भी हिरासत में लिया गया है। इन सभी से पूछताछ जारी है।
डीजीपी ने बताया कि हम पता लगा रहे हैं कि इनकी टेरर फंडिंग के पीछे कौन हैं? आकिब अहमद मलिक को देवबंद में बिना एडमीशन के मलिक पढ़ाई कर रहा था। इसके अलावा एक दुकानदार सहित 10 छात्रों को हिरासत में लिया गया है। पकड़े गए 10 छात्रों में से 2 कश्मीर समेत 5 उड़ीसा और अन्य अलग अलग जगहों से हैं। डीजीपी ने यह भी बताया कि दोनो से पूछताछ हो रही है। कुछ और अहम जानकारियां हमे मिलेगी तो उसे मीडिया से सांझा करेंगे। उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले से इनका लिंक है या नही यह कहना अभी मुश्किल है। हम पूछताछ के बाद ही ये क्लियर कर पाएंगे।