लखनऊ। पूर्वी उत्तर प्रदेश में फैले इंसेफेलाइटिस की रोकथाम और उपचार के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज दस्तक अभियान की शुरुआत कि यह अभियान इसलिए चलाया जा रहा है कि लोग होने वाले बुखार में लापरवाही ना करें क्योंकि यह जापानी बुखार हो सकता है। मुख्यमंत्री द्वारा शुरू किए गए इस अभियान के तहत जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारियों को दो दिवसीय प्रशिक्षण के साथ ही अभियान में प्रयोग किए जाने वाले ऑडियो-विजुअल रेडियो विज्ञापन इंसेफेलाइटिस से संबंधित सावधानी के उपाय की सामग्री एवं स्वच्छता की तथा अन्य जानकारी प्रदान किया गया।
इस अवसर पर चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉक्टर महेंद्र सिंह यूनिसेफ उत्तर प्रदेश के प्रमुख रुथ लीनो तथा स्वास्थ्य विभाग डब्ल्यूएचओ यूनिसेफ के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही जिलों के स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी भी उपस्थित रहे। इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री ने AES/JE के प्रकोप के कारण बच्चों की मृत्यु को रोकने के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई उन्होंने कहा कि AES/JE से कोई बच्चा मरना नहीं चाहिए उन्होंने कहा की हम बेहतरीन देखभाल करने के लिए स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत कर रहे हैं लेकिन साथ ही जागरूकता फैलाना भी बहुत महत्वपूर्ण है । जिससे AES का नियंत्रण और मामलों का समय पर पता लगाया जा सके ।
पूरे देश में है AES/JE के मामलों में 60% पूर्वी उत्तर प्रदेश के 2 मंडल गोरखपुर बस्ती से होते हैं 2017 में AES/JE 4724 मामले सामने आए जिसमें से 654 की मृत्यु हो गई चपेट में आने वाले 85% ज्यादातर 10 साल से कम उम्र के बच्चे होते हैं इस अभियान का शुभारंभ के अवसर पर चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि AES/JE से प्रभावित जिलों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहा है । दस्तक अभियान लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक करेगा । इस अभियान में राज्य के 38 प्रभावित जिलों में टीवी रेडियो समाचार पत्रों के माध्यम से AES/JE से संबंधित जानकारी और बचाव के उपाय प्रसारित किए जाएंगे साथ ही स्वास्थ कार्यकर्ता गोरखपुर बस्ती मंडल के साथ प्रभावित जिलों में घर-घर जाकर AES/JE के उपचार और बचाव के बारे में लोगों को बताएंगे ।