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दुनिया के कई लोकतंत्र के लिए उदाहरण ब्रिटेन की संसद और वहीं कार्यकर्ताओं ने पार की सारी हद

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नई दिल्ली। यूं तो भारत की संसद में हंगामा, बवाल आदि-आदि तरह के तमाम किस्से तो दुनिया भर में मशहूर हैं। लेकिन ऐसा नही कि संसद में हमारे यहां ही ऐसा सब होता है। तकरीबन ऐसा ही कुछ तमाम और देशों में भी होता है।

हद की बात यह है कि तमाम दुनिया पर लम्बे अरसे तक राज करने वाले ब्रिटेन की संसद में जब ऐसा कुछ हो जिससे उसकी संसद का 312 साल का इतिहास प्रभावित हो तो बात कुछ गंभीर और चौंकाने वाली हो जाती है।

गौरतलब है कि ब्रेग्जिट समझौते की शर्तों में जलवायु परिवर्तन (क्लाइमेट चेंज) का मुद्दा शामिल नहीं करने पर नाराज पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने ब्रिटेन की संसद में अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया। गंभीर और अहम बात है कि 312 साल पुरानी ब्रिटेन की संसद के इतिहास में सोमवार को पहली बार अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया गया।

बताया जाता है कि एक्सिंटशन रेबेलियन ग्रुप के 11 कार्यकर्ताओं ने संसद की पब्लिक गैलरी में 20 मिनट तक अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी गैलरी में बनी कांच की दीवार से सटकर खड़े थे और इनकी पीठ सांसदों की तरफ थी। इनकी छाती पर ‘सब जिंदगी के लिए’ जैसे नारे लिखे थे। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को सार्वजनिक स्थल की गरिमा भंग करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। 

ज्ञात हो कि ब्रिटेन की संसद 1707 में बनी थी। दुनिया के कई लोकतंत्रों के लिए यह उदाहरण है, इसलिए इसे मदर ऑफ पार्लियामेंट कहा जाता है। जानकारी के अनुसार इससे पहले भी कुछ एक बार ब्रिटेन की इस संसद में बड़े ही दिलचस्प वाकिये हो चुके हैं। जो बेहद ही अजीबो-गरीब रहे हैं।

बताया जाता है कि जहां जुलाई 1978 में स्कॉटिश होम रूल पर बहस के दौरान माल्टा के पूर्व प्रधानमंत्री डोम मिन्टॉफ की बेटी याना ने गैलरी से सांसदों पर घोड़े की लीद से भरे बैग फेंके थे। ये बैग फट गए थे और गंदगी बेंच व सांसदों पर फैल गई थी। 

वहीं सन 2004 मेंतत्कालीन प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर पर फादर्स फॉर जस्टिस के कार्यकर्ताओं ने पर्पल फ्लोर (बैंगनी आटा) फेंका था। प्रदर्शनकारी तलाकशुदा पिता की बच्चों से मुलाकात के कानून को लचीला बनाने की मांग कर रहे थे।

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