जयपुर! आईपीएल के 12वें सीजन का 25वां मैच राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच खेला गया. जयपुर के सवाई मान सिंह स्टेडियम में खेले गए इस मुकाबले में चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का एक अलग ही रूप देखने को मिला. मौजूदा आईपीएल के 25वें मैच में चेन्नई सुपर किंग्स ने जीत दर्ज की, लेकिन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी आचार संहिता के उल्लंघन के दोषी पाए गए तथा उन्हें मैच फीस का 50 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया है.
मैच के दौरान अंपायर द्वारा लिया गया फैसला आखिरी फैसला माना जाता है ऐसे में धोनी का गुस्से में उठकर मैदान में आना अच्छा इशारा नहीं है. मैच के बाद मैच रेफरी प्रकाश भट्ट ने धोनी को नियमों की अवहेलना करने का दोषी पाया है. जिसके लिए उनपर जुर्माना भी लगाया गया है. आईपीएल की आचार संहिता के अनुच्छेद 2.20 के तहत धोनी ने लेवल 2 का अपराध स्वीकार कर लिया है. अनुच्छेद 2.20 खेल भावना के विपरीत आचरण से जुड़ा है.
दरअसल, हुआ ऐसा कि मैच के आखिरी ओवर की तीसरी गेंद पर महेंद्र सिंह धोनी के आउट होने के बाद चेन्नई सुपर किंग्स को जीत के लिए 3 गेंदों में 8 रनों की दरकार थी. धोनी के आउट होने के बाद मिशेल सेंटनर बल्लेबाजी के लिए आए. उस समय राजस्थान रॉयल्स के गेंदबाज बेन स्टोक्स गेंदबाजी कर रहे थे. बेन स्टोक्स ने इस ओवर की चौथी गेंद मिशेल सेंटनर को डाली जिस पर उन्होंने दौड़ कर 2 रन ले लिए. तभी बेन स्टोक्स की इस गेंद को मैदानी अंपायरों ने पहले तो नोबॉल दिया, लेकिन फिर तुरंत ही वह फैसला वापस भी ले लिया.
इस फैसले के बाद धोनी इतने नाराज हो गए कि वह मैदान में घुस आए और बीच मैदान पर अंपायरों के साथ उनकी कहासुनी हुई. इस गेंद पर बावल इसलिए हुआ क्योंकि चेन्नई का कहना था कि यह गेंद कमर से ऊपर थी इसलिए नो बॉल करार दी जानी चाहिए थी. इसी कारण धोनी भी मैदानी अंपायरों से बहस करने के लिए मैदान पर आ गए. लेकिन अंपायरों ने फैसला नहीं बदला. पांचवीं गेंद पर सैंटनर ने दो रन लिए. आखिरी गेंद पर जीतने के लिए चार रन की जरूरत थी यहां अगली गेंद वाइड हो गई.
अब आखिरी गेंद पर तीन रन की दरकार थी सेंटनर ने आखिरी गेंद पर छक्का मार अपनी टीम को जीत दिलाई. लेकिन इसके बाद मिशेल सेंटनेर ने आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर चेन्नई सुपर किंग्स को राजस्थान रॉयल्स पर चार विकेट से जीत दिलाई. इससे पहले चेन्नई ने एक बार फिर शानदार गेंदबाजी का प्रदर्शन करते हुए रॉयल्स को सात विकेट पर 151 रनों पर रोक दिया. राजस्थान के गेंदबाजों ने चेन्नई को इस लक्ष्य को भी हासिल करने के लिए काफी मेहनत कराई लेकिन चेन्नई ने छह विकेट खोते हुए आखिरी गेंद पर यह लक्ष्य हासिल कर लिया.