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नागरिकता कानून: पीएम मोदी बोले- चर्चा और विरोध लोकतंत्र का हिस्सा, हिंसा दुर्भाग्यपूर्ण

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नई दिल्ली. नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर दिल्ली समेत पूरे देश में आक्रोश व्याप्त है. इसे लेकर जामिया मिल्लिया इस्लामिया विवि और नदवा यूनिवर्सिटी समेत कई विवि के छात्र रविवार देर शाम से प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी क्रम में पीएम नरेंद्र मोदी ने नागरिकता संशोधन एक्ट पर हिंसक विरोध को दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद बताया है. उन्होंने कहा कि बहस, चर्चा और असंतोष लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन इसके लिए सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना और सामान्य जीवन में अशांति पैदा करना गलत है.

नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर रविवार से शुरू हिंसक प्रदर्शन पर पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ट्वीट कर इस पर दुख जताया है. उन्होंने कहा कि दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) से नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 को भारी समर्थन के साथ पास किया गया था. बड़ी संख्या में राजनीतिक पार्टियों और सांसदों ने इस बिल का समर्थन किया है. यह अधिनियम भारत की सदियों पुरानी संस्कृति की स्वीकृति, सद्भाव, करुणा और भाईचारे को दर्शाता है.

पीएम मोदी ने आगे कहा कि मैं अपने साथी भारतीयों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सीएए भारत के किसी भी धर्म के नागरिक को प्रभावित नहीं करता है. किसी भारतीय को इस अधिनियम के बारे में चिंता करने की कोई बात नहीं है. यह अधिनियम केवल उन लोगों के लिए है, जिन्होंने वर्षों से उत्पीड़न का सामना किया है और भारत को छोड़कर उनके पास जाने के लिए कोई अन्य जगह नहीं है.

पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने चौथे ट्वीट में लिखा कि समय की आवश्यकता है कि हम सभी भारत के विकास और प्रत्येक भारतीय, विशेषकर गरीब, दलित और हाशिए के सशक्तिकरण के लिए मिलकर काम करें. हम निहित स्वार्थ समूहों को विभाजित करने और अशांति पैदा करने की अनुमति नहीं दे सकते हैं.

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