ढाका. बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री एवं विपक्षी बीएनपी प्रमुख खालिदा जिया के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में फैसला आ गया है. यहां की अदालत ने खालिदा जिया को 5 साल जेल की सजा सुनाई है. इस फैसले से विपक्ष को बहुत तगड़ा झटका लगा है. इस फैसले के बाद हालात बिगडऩे की आशंका के बीच देश में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है.
देश की राजधानी ढाका की सड़कों पर रैपिड एक्शन बटालियन (आरएबी) और सशस्त्र पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है. मीडिया की खबरों के अनुसार पुलिस ने कुछ दिनों से बीएनपी के कुछ वरिष्ठ नेताओं सहित 1000 से अधिक कार्यकर्ताओं को इस संदेह में गिरफ्तार किया था कि यदि जिया को दोषी ठहराया गया तो वे हिंसा उत्पन्न कर सकते हैं. खालिदा जिया और उनके बेटे व बीएनपी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तारिक रहमान समेत पांच लोगों के खिलाफ 2.52 लाख डॉलर के भ्रष्टाचार का आरोप है.
कितने का किया था घोटाला?
जिया (72 साल) के खिलाफ यह फैसला ढाका के एक स्पेशल कोर्ट-5 ने सुनाया. जिया और उनके बेटे व बीएनपी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तारिक रहमान सहित पांच अन्य के खिलाफ जिया ऑर्फनेज ट्रस्ट के लिए जारी 2.1 करोड़ टका (1.63 करोड़ रुपए) विदेशी चंदे के गबन करने के आरोप हैं.
भ्रष्टाचार के आरोपों से खुद को बरी कराने के लिए जिया ने 30 नवंबर 2014 को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था लेकिन शीर्ष अदालत ने इस मामले में खुद को अलग कर लिया. सुप्रीम कोर्ट ने तब जिया को निचली अदालत जाने का आदेश दिया था.
कैसे फंस गईं जिया?
हाई कोर्ट ने 19 मार्च 2014 को निचली अदालत के उस फैसले पर मुहर लगा दी थी जिसमें जिया को भ्रष्टाचार का दोषी पाया था. जिया के खिलाफ एंटी करप्शन कमीशन (एसीसी) ने आरोप मढ़े थे.
एसीसी ने जिया पर आरोप लगाए थे कि जिया चैरीटेबल ट्रस्ट महज कागजों पर ही चलता है जिसमें बड़े स्तर पर फंड की हेराफेरी की गई है. जिस वक्त गबन के आरोप लगे उस वक्त जिया की बीएनपी की सरकार थी. बांग्लादेश में 2001 से 2006 तक खालिदा जिया की सरकार थी, जिसमें वे प्रधानमंत्री के पद पर आसीन थीं.