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झारखंड का बजट दिल्ली से दो कदम आगे, लगाई मुफ्त घोषणाओं की झड़ी

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रांची. झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार ने आज मंगलवार 3 मार्च को अपना पूर्ण बजट पेश किया. बजट पेश करते हुए राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने 86,370 करोड़ रुपये की विकास का खाका खींचा. हेमंत सरकार ने झारखंड में मुख्यमंत्री कैंटीन योजना शुरू करने का ऐलान किया गया है, जिसके जरिए सस्ता भोजना उपलब्ध कराने की योजना बनाई है.

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल की तर्ज पर हेमंत सोरेन सरकार ने भी झारखंड के शहरी क्षेत्र में 100 मोहल्ला क्लीनिक खोलने की घोषणा की गई है. इसके अलावा हेमंत सरकार ने लुंगी, धोती और साड़ी मुफ्त बांटने का ऐलान किया है. हेमंत सरकार ने 8 लाख रुपए तक की वार्षिक आय वाले परिवारों के लिए मुफ्त इलाज की नई योजना की घोषणा बजट में की है.

झारखंड राज्य किसान राहत कोष का गठन किया जाएगा

ये योजना आयुष्मान भारत व मुख्यमंत्री गंभीर बीमारी इलाज योजना से अलग है. वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने अपने बजट भाषण में घोषणा की है कि हेमंत सोरेन की सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के स्वरूप में बदलाव करेगी. साल 2020 के खरीफ मौसम से प्रदेश में झारखंड राज्य किसान राहत कोष का गठन किया जाएगा. इसके लिए सरकार ने बजट में 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार की तर्ज पर हेमंत सरकार भी झारखंड में मुफ्त बिजली देने की दिशा में कदम उठा सकती है. माना जा रहा है कि बजट में वित्त मंत्री 100 यूनिट तक बिजली बिल माफ करने की घोषणा भी कर सकते हैं.

100 यूनिट फ्री बिजली का लाभ- 300 यूनिट तक हर माह खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को देने की दिशा में कदम उठा सकती है. हेमंत सोरेन सरकार ने सुदूरवर्ती गांवों में बेहतर चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने के लिए सरकार उन डॉक्टरों को अतिरिक्त वित्तीय लाभ देगी, जो आदिवासी बहुल क्षेत्रों में जाकर काम करेंगे.

हेमंत सरकार चलंत अस्पताल की घोषणा कर सकती हैं

ऐसे स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को हर महीने 40 हजार रुपये और अन्य डॉक्टरों को 25 हजार रुपये प्रति माह अतिरिक्त वित्तीय लाभ देने का प्रावधान रखा है. झारखंड में स्वास्थ्य सेवा की दिशा को बेहतर बनाने के लिए हेमंत सरकार चलंत अस्पताल (मोबाइल क्लिनिक) की योजना की घोषणा कर सकती है.

बजट में स्वास्थ्य सेक्टर में लगभग 3043 करोड़ रुपये के प्रावधान किए जाने की संभावना है. बजट में राज्य में बनकर तैयार नर्सिंग स्कूलों को संचालित करने के लिए भी राशि का प्रस्ताव किया जा सकता है, इन्हें पीपीपी मोड पर चलाया जा सकता है.

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