लखनऊ। 2019 के लेाकसभा चुनाव जैसे जैसे करीब आ रहे हैं उसके हिसाब से उत्तर प्रदेश के अयोध्या में विवादित स्थल पर बाबरी मस्जिद और राम मंदिर निर्माण को लेकर सियासत बढ़ती जा रही है। 28 साल बाद महाराष्ट्र की संस्था श्री रामदास मिशन यूनिवर्सल सोसायटी और विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने एक बार फिर से रामराज्य रथयात्रा निकालने का फैसला लिया है। मिली जानकारी के मुताबिक यह यात्रा 13 फरवरी से शुरू होगी, और यह यात्रा अयोध्या से तमिलनाडु के रामेश्वरम तक निकाली जाएगी।
गौरतलब है कि 28 साल पहले भारतीय जनता पार्टी के नेता लालकृष्ण आडवाणी ने अयोध्या के लिए राम रथ यात्रा निकाली थी। इस रथ यात्रा का मकसद अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण है, मंदिर के निर्माण के लिए 28 साल पहले यह रथ यात्रा निकाली गई थी।
मिली जानकारी के अनुसार हालांकि अभी कार्यक्रम की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन कहा जा रहा है कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ इस रामराज्य रथयात्रा को अयोध्या के कारसेवक पुरम से हरी झंडी दिखाकर रवाना कर सकते हैं।
अयोध्या से शुरू होने वाली रथ यात्रा 6 राज्यों से गुजरकर 25 मार्च को रामेश्वरम पहुंचेगी। इस के दौरान जगह-जगह कई सभाएं भी होंगी, और इस बीच केंद्र सरकार से प्राथमिकता के तौर पर 14 महीने के अंदर राम मंदिर बनाए जाने की मांग की जाएगी।
आपको बता दें कि 25 लाख रुपये की कीमत से बने रथ का इस यात्रा के लिए इस्तेमाल होगा सका निर्माण 4 महीने में महाराष्ट्र में किया गया है। लकड़ी से बने इस रथ में दक्षिण भारतीय मसालों का प्लास्टर लगाया गया है। जिसका इस्तेमाल इसके 28 स्तंभों की नक्काशी में किया गया है।