नई दिल्ली. अभी तक सांसद और विधायक निधि का उपयोग सिर्फ स्थाई काम के लिए किया जाता है. लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है कि सांसद—विधायक निधि का उपयोग कोरोना वायरस के खिलाफ लडऩे में भी किया जा सकेगा. कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा की मांग पर प्रधानमंत्री के निर्देश पर बड़ा बदलाव हुआ है. जिसके तहत अब सांसद और विधायक अपने इलाकों में इस धनराशि से कोरोना से लडऩे के लिए फंड कर सकेंगे. सेनिटाइजर, मास्क और दूसरी चीजों की खरीदी के लिए पैसा रिलीज कर सकेंगे.
दरअसल, अभी तक सांसद और विधायक निधि का उपयोग स्थाई कामों के लिए होता है, जिनमें इन्फ्रास्ट्रक्चर जैसे कामों के लिए पैसा दिया जाता था. लेकिन कोरोना वायरस को देखते हुए कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने प्रधानमंत्री से अपील की थी कि इस निधि का उपयोग कोरोना के खिलाफ लडऩे में करने की अनुमति दी जानी चाहिए. उसके बाद सरकार ने तत्काल संशोधन करते हुए इस निधि का उपयोग कोरोना के खिलाफ लडऩे में इस्तेमाल करने की आजादी दे दी है. इस पैसे का उपयोग सेनिटाइजर, मास्क, अस्पताल में दवा खरीदी से लेकर दूसरी चीजों के लिए किया जा सकेगा.
सांसद को पांच करोड़ और विधायक को दो करोड़
देश में अभी सांसदों को हर साल पांच करोड़ रुपए सांसद निधि के तौर पर मिलते हैं. जबकि राज्यों में विधायकों को दो करोड़ रुपए मिलते हैं. हालांकि कुछ राज्यों में यह राशि अलग—अलग भी है. अब यह सांसद विधायक अपने इलाकों में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में आर्थिक सहयोग कर सकते हैं.
मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री ने एक माह की सेलरी दी
मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कोरोना से लड़ाई के लिए नया फंड बनाने की बात कही है. इसकी शुरुआत करते हुए उन्होंने अपनी एक महीने की सेलरी इस फंड में देने का ऐलान किया है. इसके बाद माना जा रहा है कि विधायक और सांसद इसके लिए पैसा दे सकते हैं. उसके बाद कर्मचारी और फिर आम आदमी इसमें सहयोग कर सकेंगे.